नई दिल्ली: बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में मचा बवाल अभी पूरी शांत भी नहीं हुआ है और विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बड़ा गलती कर दी. नाकामियों के बीच अपना चेहरा छिपाने की कोशिश में जुटा बीएचयू प्रशासन छेड़छाड़ से पीड़ित लड़की का चेहरा ही सबके सामने ले आया.


विश्वविद्यालय प्रशासन की दलील
लापरवाही का आरोप झेल रहे बीएचयू प्रशासन ने प्रेस रिलीज़ जारी कर अपनी सफाई पेश की. विश्वविद्यालय ने अपने बयान में कहा, ''छेड़छाड़ से पीड़ित लड़की खुद आंदोलन के पक्ष में नहीं थी. दबाव बनाकर उसे धरना देने को मजबूर किया गया. पीड़ित लड़की को लग रहा था कि उसे ढाल बनाकर कुछ अराजक तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और इसलिए वो धरने के बीच से उठकर अपनी कुछ साथियों के साथ वीसी में मिलने आई थी.''


विश्वविद्यालय प्रशासन इस दावे के साथ खुद पर लगे दाग धोने की कोशिश में था. इसी के साथ यूनिवर्सिटी ने पीड़ित लड़की की पहचान जाहिर कर नई मुसीबत मोल ले ली.


प्रधानमंत्री माफी मांगे- राहुल गांधी
छात्राओं पर लाठीचार्ज को लेकर विश्वविद्यालय पहले ही चारों ओर से घिरा है. देशभर के कई शहरों में बीएचयू में हुई का विरोध जारी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने छात्राओं पर लाठीचार्ज को बर्बर बताते हुए पीएम मोदी से माफी की मांग तक कर डाली.


पीएम मोदी और अमित शाह ने की सीएम योगी से बात
विश्वविद्यालय में गर्मायी सियासत के बीच खुद पीएम मोदी और अमित शाह ने यूपी के सीएम आदित्यनाथ से बात की. प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष ने इस मुद्दे सुलझाने के निर्देश दिया. हालांकि बीजेपी का आरोप है कि कुछ लोग राजनीति के लिए इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं.


क्या है पूरा मामला ?
बीएचयू में विवाद छात्राओं की सुरक्षा को लेकर ही तब शुरू हुआ जब 21 सितंबर को फाइन आर्ट्स की एक छात्रा से कैंपस में छेड़छाड़ हुई. छात्रा की शिकायत के बावजूद आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.


विरोध में 22 सितंबर को छात्राओं ने विश्वविद्यालय में धऱना शुरू कर दिया. 23 सितंबर को कुलपति आवास का घेराव करने जा रही छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. छात्राओं पर लाठीचार्ज से हो रही किरकिरी से बचने कि लिए विश्वविद्यालय हर रोज नई दलील दे रहा है.