वाराणसी: अगर आप बीएचयू के छात्र हैं और कहीं आपकी तबियत थोड़ी खराब है तो जहां हैं वहीं इलाज करा लें. क्योंकि बीएचयू अस्पताल छात्रों के लिए अलग इलाज की सुविधा नहीं दे रहा बल्कि ऑनलाइन आवेदन के बाद कई बार पर्चे निरस्त हो रहे हैं और छात्र पर्चे के बीस रुपये से लेकर जांच तक का खर्च वहन कर रहे हैं, लिहाजा छात्रों में आक्रोश है.


BHU सेंट्रल आफिस पर छात्रों का प्रदर्शन

बीएचयू सेंट्रल आफिस पर छात्रों ने जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया. छात्रों ने आरोप लगाया कि बीएचयू में पढ़ने वाले छात्रों को ओपीडी की सेवा 20 रुपये के पर्चे के बाद मिल रही है जबकि छात्रों का हेल्थकार्ड बनाया गया है. लेकिन छात्रों को हेल्थकार्ड का लाभ नहीं मिल रहा है. छात्रों को टेस्ट से लेकर सारे पैसों का खर्च वहन करना पड़ रहा है.


क्या है हेल्थ कार्ड?

बीएचयू के छात्र और कर्मचारियों को इलाज और टेस्ट की विशेष सुविधा के लिए हेल्थ कार्ड दिया जाता है. इसके माध्यम से बिना समय गंवाए इलाज की फ्री सेवा भी छात्र लेते हैं. लेकिन इन दिनों बीएचयू अस्पताल में छात्रों की कोई नहीं सुन रहा है. छात्र चक्रपाणी ओझा की मानें तो छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है अगर ज्ञापन पर बात नहीं मानी गयी तो आगे विरोध तीव्र होगा.


BHU में शुरू हुई ओपीडी कई मरीज असंतुष्ट
बीएचयू में बीते दिनों ओपीडी सेवा शुरू हुई है. रोजाना 50 मरीज देखे जा रहे हैं. लेकिन ऑनलाइन पर्चे बुक किये जा रहे हैं. कई बार तो मरीज और छात्र बीएचयू आकर ऑनलाइन पर्चो के निरस्त होने से निराश हो रहे हैं. चीफ प्रॉक्टर ओपी राय की मानें तो कोरोना से बचाव के चलते ये व्यवस्था बनाई गई है और छात्रों की मांग पर विचार किया जाएगा.


छात्रों में आक्रोश जारी हो सकता है तीव्र विरोध
जिसे पूर्वांचल का एम्स कहते हैं वहां अव्यवस्था है और इसका शिकार छात्र भी हो रहे हैं. छात्रों ने चेतावनी दी है और बड़े विरोध करने की बात भी कही है. अब देखना ये होगा कि बीएचयू प्रशासन आगे क्या करता है?


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