वाराणसी: पिछले महीने आंदोलनकारी छात्रों से निपटने के तरीकों को लेकर विवादों में आए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी आज निजी कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी पर चले गए हैं. त्रिपाठी ने दावा किया था कि अगर उन्हें अवकाश पर जाने को कहा गया तो वह इस्तीफा दे देंगे.


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बीएचयू के अधिकारियों ने बताया कि त्रिपाठी ‘‘अनिश्चितकालीन अवकाश’’ पर चले गए हैं. उनका कार्यकाल 30 नवंबर तक है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय सूत्रों ने संकेत दिया था कि केंद्र सरकार इस पूरे मामले में निपटने के उनके तरीके को लेकर खुश नहीं है.


त्रिपाठी को भेजे गए संदेशों और फोन कॉल का कोई जवाब नहीं मिला. मंत्रालय ने पहले ही उनके उत्तराधिकारी के चयन के लिए नियमित प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है. बीएचयू देश के 43 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है.


क्या हुआ था बीएचयू में?

बीएचयू में विवाद छात्राओं की सुरक्षा को लेकर ही तब शुरू हुआ जब 21 सितंबर को फाइन आर्ट्स की एक छात्रा से कैंपस में छेड़छाड़ हुई. छात्रा की शिकायत के बावजूद आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

विरोध में 22 सितंबर को छात्राओं ने विश्वविद्यालय में धऱना शुरू कर दिया. 23 सितंबर को कुलपति आवास का घेराव करने जा रही छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. छात्राओं पर लाठीचार्ज से हो रही किरकिरी से बचने कि लिए विश्वविद्यालय हर रोज नई दलील दे रहा है.