(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhupen Hazarika: 10 साल की उम्र में पहला गाना, कोलंबिया से PHD और भारत रत्न, जानिए भूपेन हजारिका के बारे में सबकुछ
Bhupen Hazarika: आज भूपेन हजारिका की 96वीं बर्थ एनिवर्सरी है. 10 साल की उम्र में अपना पहला गाना रिकॉर्ड करने वाले भूपेन हजारिका के बारे में आपको यहां सबकुछ जानने को मिलेगा. विस्तार से पढ़िए.
Bhupen Hazarika Birth Anniversary: गूगल ने मशहूर गायक भूपेन हजारिका की 96वीं जयंती (Bhupen Hazarika 96th Birth Anniversary) पर खास डूडल बनाया. भूपेन हजारिका, जिनका 2011 में निधन हो गया, एक संगीतकार, गायक, कवि, फिल्म निर्माता और गीतकार थे. इसके अलावा, उन्होंने 1967-72 के दौरान असम विधानसभा में विधायक के रूप में भी काम किया. सुधाकंठ के नाम से मशहूर उन्होंने अपने छह दशक के करिअर में सैकड़ों फिल्मों में काम किया है.
आपको बता दें कि भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर, 1926 को असम में हुआ था. उनका बचपन ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे जीवन के बारे में गीतों और लोक कथाओं से घिरा हुआ था. उन्होंने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में रिकॉर्ड किया था.
कोलंबिया से की पीएचडी
गायक ने 1942 में कला में इंटरमीडिएट और 1946 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से एमए पूरा किया. इसके तुरंत बाद वह न्यूयॉर्क के लिए रवाना हो गए, जहां वे पांच साल तक रहे और 1952 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से जनसंचार में डॉक्टरेट (पीएचडी) प्राप्त किया.
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हजारिका ने गुवाहाटी के ऑल इंडिया रेडियो में गाना शुरू किया. वह बंगाली गानों का हिंदी में अनुवाद भी करते थे और उन गानों को अपनी आवाज देते थे.
समय के साथ हजारिका ने कई रचनाएं बनाईं, जिनमें गीतों के माध्यम से लोगों की कहानियों को बताने की प्रवृत्ति थी. सुख और दुख की कहानियां, एकता और साहस, रोमांस और अकेलापन और यहां तक कि संघर्ष और दृढ़ संकल्प की कहानियां.
सुपरहिट फिल्मों में गानों को दी अपनी आवाज़
इन वर्षों में, वह 'रुदाली', 'मिल गई मंजिल मुझे', 'सज', 'दर्मियां', 'गजगामिनी', 'दमन' और 'क्यूं' जैसी सुपरहिट फिल्मों में गाने गाकर कई दिलों की आवाज बन गए. हजारिका ने संगीत और संस्कृति में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते. उन्हें मरणोपरांत 2019 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
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