(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gujarat Cabinet News: भूपेंद्र पटेल कैबिनेट का शपथग्रहण आज, मंत्रिमंडल से हो सकती है पुराने मंत्रियों की छु्ट्टी
नए सीएम भूपेंद्र पटेल पूरे मंत्रिमंडल में बदलाव चाहते हैं, इसको लेकर गुजरात बीजेपी में तनातनी तेज हो गई है. बड़ी खबर ये है कि मंत्रिमंडल में नए चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी.
गांधीनगर: गुजरात में आज दोपहर डेढ़ बजे भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह होगा. खबर ये है कि रुपाणी कैबिनेट में शामिल रहे मंत्रियों को हटाया जा सकता है और इसी वजह से शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को बार-बार टलता रहा. पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है, लेकिन अब मंत्रियों की शपथ पर पेंच फिलहाल फंस गया है.पहले मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह बुधवार दोपहर में होना था. फिर इसे शाम तक के लिए टाल दिया गया. अब शपथ ग्रहण के लिए आज दोपहर 1.30 बजे का वक्त का तय किया गया है.
मंत्रिमंडल गठन में समस्या क्यों आ रही है.
दरअसल नए सीएम भूपेंद्र पटेल पूरे मंत्रिमंडल में बदलाव चाहते हैं, इसको लेकर गुजरात बीजेपी में तनातनी तेज हो गई है. बड़ी खबर ये है कि मंत्रिमंडल में नए चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी. महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है. जातीय समीकरण को बिठाने के साथ साफ-सुथरी छवि के नेताओं को तवज्जो देने का प्लान है.
इन चार चेहरों के सियासी भविष्य को लेकर खड़े हो रहे सवाल
विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन पटेल, भूपेंद्र सिंह चुडास्मा, आरसी फाल्दू और कौशिक पटेल के सियासी भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ये चारों ही गुजरात बीजेपी के पुराने चेहरे हैं. सबसे बड़ा सवाल पूर्व डिप्टी सीएम और कद्दावर नेता नितिन पटेल को लेकर है. जो इस बार भी सीएम बनने की रेस में पिछड़ गए. भूपेंद्र पटेल और नितिन पटेल दोनों पाटीदार समुदाय से हैं. सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ही पद एक ही समाज को देने की संभावना कम ही है.
गुजरात में 15 महीने बाद विधानसभा के चुनाव
खबर ये है कि सभी पुराने मंत्री को हटा दिया जाएगा. भूपेंद्र पटेल सरकार की नई कैबिनेट में 26 से 27 मंत्रियों को मंत्री पद की शपथ आज दिलाई जा सकती है. करीब 15 महीने बाद बीजेपी के सिर के ताज गुजरात में चुनाव हैं. ऐसे में बीजेपी आलाकमान किसी भी हाल में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता और पुराने मंत्रियों को हटाकर सरकार की नई छवि पेश करना रणनीति का हिस्सा है. हाईकमान को उम्मीद है कि देर-सवेर ये विरोध भी थम जाएगा और सब मिलकर भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में जोर-शोर से काम शुरू कर देंगे.