Bhupesh Baghel Panchayat: वेब सीरीज 'पंचायत' के कलाकारों संग सीएम भूपेश बघेल, बताया कैसे बदल रहे लोगों का जीवन
Bhupesh Baghel Panchayat: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल चाहते हैं कि राज्य से गरीबी दूर हो, बच्चों को अच्छे खाने के साथ ही अंग्रेजी में शिक्षा मिल सके. इसके लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है.
Bhupesh Baghel Panchayat: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने वेब सीरीज़ पंचायत (Panchayat) के कलाकारों के साथ बातचीत की. वेब सीरीज़ पंचायत में काम करने वाले कलाकारों ने रायपुर में सीएम आवास पर भूपेश बघेल से मुलाकात की. एबीपी अनकट से बघेल ने कहा कि उन्हें भी पंचायत वेब सीरीज़ बेहद पसंद आई है. सीरीज़ के कलाकारों से बातचीत में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हम लोग पंचायत को असल में जीते हैं. हम लोग पंचायत के एक्चुअल लोग हैं, जो पंचायती राज को जीते हैं. एबीपी अनकट के इस स्पेशल शो में पंचायत सीरीज़ के कलाकार फैसल मलिक, सानविका, अशोक पाठक, सुनीता राजवार, सतीश रे और दुर्गेश कुमार शामिल हुए.
गांव में घर तक पहुंच रही हेल्थ फैसिलिटी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बातचीत के बाद वेब सीरीज़ की टीम छत्तीसगढ़ के शहरों के साथ गांवों में भी घूमी. इस टीम ने गांव में असली वाली पंचायत देखी. वहां उन लोगों ने देखा कि कैसे सीएम भूपेश बघेल की पहल पर शुरू हुई मोबाइल मेडिकल वैन के जरिए झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों का मुफ्त में इलाज हो रहा है. दाई दीदी क्लीनिक के बारे में भी उन लोगों ने जाना. यह स्कीम महिलाओं के लिए है. इसमें डॉक्टर भी महिला ही हैं. स्कीम से छत्तीसगढ़ की महिलाओं को बिना संकोच के अपना इलाज करवाने में मदद मिल रही है. अब भी बहुत सारी महिलाएं पुरुष डॉक्टर के पास जाने से हिचकिचाती हैं. ऐसी महिलाओं को इस स्कीम के तहत मुफ्त इलाज भी मिल रहा है.
मोबाइल मेडिकल वैन से लोगों को अपने दरवाजे पर ही डॉक्टरी सलाह मिल रही है. इस वैन में हर तरह के विशेषज्ञ डॉक्टर होते हैं. गांव के लोगों को ब्लड टेस्ट कराने के लिए दूरदराज के शहरों में जाना पड़ता था, लेकिन सीएम बघेल की पहल पर गांव में ही टेस्ट के लिए लैब बना दिया गया है. इनको 'हमर लैब' नाम दिया गया है. इन लैब्स में ऐसी-ऐसी मशीनें हैं, जिससे एक ही जगह पर 75 तरह के ब्लड टेस्ट हो जाते हैं.
देखें पूरी बातचीत
पंचायत वेब सीरीज़ के कलाकारों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में भी बताया. छत्तीसगढ़ भौगोलिक दृष्टि से देश का नौवां सबसे बड़ा राज्य है और 44 प्रतिशत भूभाग जंगल है. सीएम बघेल ने कहा कि सरकार को कुपोषण, गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है. उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार भी देना है. किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिले, इसके लिए भी सरकार लगातार कोशिश कर रही है. राज्य के लोगों को शिक्षा और बेहतर हेल्थ सुविधा मिले, सरकार इस पर भी काम कर रही है.
'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का दिया नारा
'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' नारे के साथ आगे बढ़ रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के विकास के लिए कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे आम लोगों के जीवन में बदलाव आ रहा है, उनका जीवन बेहतर हो रहा है. इनमें से ही एक योजना है 'मितान योजना'. इसके तहत छत्तीसगढ़ के लोगों को घर बैठे ही 100 तरह के दस्तावेज हासिल हो जा रहे हैं. राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों की गरीबी को दूर करने और उन्हें आर्थिक तौर से मजबूत बनाने में मदद मिल रही है. इसके तहत राज्य के किसानों को फसलों के प्रोत्साहन के लिए सीधे बैंक खाते में सहायता राशि दी जाती है.
गोधन न्याय योजना में सरकार गोबर और गोमूत्र तक की खरीद कर रही है. इससे पशुपालन को तो बढ़ावा मिल ही रहा है और पशुपालकों की आर्थिक हालत भी सुधर रही है. कुपोषण को मिटाने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चल रहा है. इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये गांव के बच्चों तक खाने पीने के सामान पहुंचाए जाते हैं. इन सभी योजनाओं पर नजर बनाए रखने के लिए सीएम भूपेश बघेल 'खुद से भेंट मुलाकात' योजना भी चला रहे हैं. इसके तहत खुद सीएम बघेल गांव-गांव, शहर-शहर जाकर लोगों से मिलते हैं और उनकी परेशानियां सुनकर उनका त्वरित समाधान करते हैं.
गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में मिल रही है शिक्षा
पंचायत सीरीज़ की टीम से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए सरकारी स्कूलों में अलग-अलग विषयों के लिए शिक्षकों की कमी के बारे में बताया. छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने वो हर कोशिश की जिससे राज्य के गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा मुफ्त में मिल सके.
गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले हैं. इन स्कूलों में गरीब बच्चों को प्री नर्सरी से लेकर इंटरमीडिएट तक अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जा रही है. ऐसे स्कूलों में प्ले ग्राउंड, लैब के साथ ही लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की गई है. कई स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल में लैंग्वेज लैब और रोबोटिक्स लैब भी हैं, जो बहुत कम प्राइवेट स्कूल में होते हैं. इससे छत्तीसगढ़ के हजारों बच्चों को फायदा हो रहा है.