Bibhav Kumar Bail: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (02 अगस्त) को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार को जमानत दे दी. दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल की शिकायत पर 18 मई को बिभव कुमार को केजरीवाल के आवास से गिरफ्तार किया था.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. बिभव कुमार को जमानत देते हुए अदालत ने कुछ शर्ते में भी रखी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बिभव कुमार को जमानत देते हुए क्या शर्तें रखीं?
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी प्रमुख गवाहों की जांच होने तक बिभव को मुख्यमंत्री के निजी सचिव के रूप में अपना पद संभालने या मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने से रोक दिया है. अदालत ने बिभव कुमार को मामले के खिलाफ तब तक बोलने से रोका है, जब तक कि कमजोर गवाहों की जांच नहीं हो जाती. अदालत ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि वह इस प्रक्रिया को 3 सप्ताह में पूरा करे और बिभव कुमार को कोई भी आधिकारिक पद लेने से रोक दिया.
चोटें आना सामान्य बात, जेल में नहीं रख सकते- सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस भुइयां ने कहा कि बिभव कुमार 100 दिनों से न्यायिक हिरासत में है और आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है. उन्होंने कहा, "(मालीवाल को) चोटें आना सामान्य बात है. यह जमानत का मामला है. आपको इसका विरोध नहीं करना चाहिए. आप ऐसे मामले में किसी व्यक्ति को जेल में नहीं रख सकते."
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, "कुछ महत्वपूर्ण गवाह हैं, जो उनके (बिभव) प्रभाव में हैं. उनसे पूछताछ होने दीजिए. तब मैं विरोध नहीं करूंगा." इसके जवाब में जस्टिस भुइयां ने कहा, "इस तरह से हम किसी भी व्यक्ति को जमानत नहीं दे सकते." उन्होंने आगे कहा कि यह आशंका "बेबुनियाद" है.