वाशिंगटन: भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने शनिवार को कहा कि डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन अगर नवंबर में होने वाले चुनाव जीत जाते हैं तो वह संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को नया रूप देने में मदद करेंगे ताकि भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट मिल सके.


भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में कई तरह के सुधार किए जाने पर जोर दे रहा है. उसका कहना है कि इसका स्वरूप वर्तमान वास्तविकताओं को नहीं दर्शाता है और ना ही उसका उचित प्रतिनिधित्व करता है.


भारत को यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनाने का विरोध करता है चीन


वर्मा ने कहा, ‘‘ इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनके (बाइडेन के) नेतृत्व में, वह संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को नया रूप देने में मदद करेंगे ताकि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन सकें. वह एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में भी भारत की स्थिति भी मजबूत करेंगे.’’ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस,रूस और चीन इसके पांच स्थायी सदस्य हैं. इलमें केवल चीन ही भारत को यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनाने का विरोध करता है.


भारत के साथ मिलकर काम करेंगे बाइडेन


उन्होंने कहा, ‘‘ वह (बाइडेन) हमारे नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे. इसका मतलब है कि सीमा पार आतंकवाद के मामले में और जब उसके (भारत के) पड़ोसी यथास्थिति बदलने की कोशिश करेंगे तो वह भारत के साथ खड़े रहेंगे.’’


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