Uttarakhand Congress Crisis: उत्तराखंड कांग्रेस के तीन सीनियर नेताओं ने सोमवार को इस्तीफा देते हुए दिल्ली में आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया. आप उत्तराखंड संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेन्द्र प्रसाद रतौरी, प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष कमलेश रमन और सोशल मीडिया सलाहकार कुलदीप चौधरी ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर लिया.


पार्टी नेताओं के इस्तीफे के बाद हरक सिंह के घर बैठक


पार्टी में इन सभी का स्वागत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि इससे उत्तराखंड में आप और मजबूत होगी. कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं ने पार्टी छोड़ने की वजह विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त के बावजूद पार्टी में लगातार बढ़ते अंतर्कलह को बताया. इन नेताओं के इस्तीफे की खबर के बाद उत्तराखंड विधानसभा में पूर्व प्रतिपक्ष नेता प्रीतम सिंह और खाटिमा विधायक भवन चंद्र कापड़ी समेत राज्य के नेताओं ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के आवास पर बैठक की और पार्टी के प्रति अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया.


गौरतलब है कि प्रदेश प्रवक्ता रह चुके आरपी रतूड़ी और देहरादून महिला कांग्रेस की महानगर अध्यक्ष रही कमलेश रमन ने पार्टी को बाय-बाय कह 'आप' में शामिल हो गए. कांग्रेस 2017 और 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में बड़े मार्जिन से हारी. जरूरत थी पार्टी को मजबूत करने की लेकिन अब स्थिति बिखराव तक पहुंच गई.


इस्तीफे की वजह अंतर्कलह!


आरपी रतूड़ी और कमलेश रमन कांग्रेस में सच्चे सिपाही के तौर पर बहुत लंबे समय से थे. अब अचानक पार्टी से खफा होकर कांग्रेस को छोड़ने का निर्णय ले लिया. आरपी रतूड़ी ने पार्टी छोड़ने से पहले सोशल मीडिया पर दर्द बयान किया. उन्होंने लिखा, "आज मन अत्यंत आहत है. मैंने अपने जीवन के 45 साल कांग्रेस पार्टी को दिए और अब कांग्रेस के हालात भविष्य में अच्छा संकेत नहीं हैं. पार्टी नेतृत्व की तरफ से लिए जा रहे फैसले अंतर्कलह का सबक हैं. अत्यंत ही दुःखद हैं." कांग्रेस छोड़ने के पीछे रतूड़ी ने अंतर्कलह की बात कहकर जता दिया कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.   


खास बात ये है कि हाल ही में प्रीतम सिंह ने 2016 की बगावत को कांग्रेस के कमजोर होने की सबसे बड़ी वजह बताया था और अप्रत्यक्ष तौर पर हरीश रावत की ओर इशारा किया था. 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते नाराज नौ नेता कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए थे. उसी समय से बड़े नेताओं की आपसी खींचतान के कारण पार्टी का छोटा कार्यकर्ता भी खुद को असहज महसूस कर रहा था. अब जब पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह की बात कह दी, तो इशारा भी इन दो नेताओं की ओर जाता दिखाई दे रहा है.