एक्सप्लोरर

नीतीश कुमार के निशाने पर राबड़ी के 'मुंहबोले भाई', महागठबंधन में क्या चल रहा है?

सवाल पूछा जा रहा है कि अमित शाह से मिलने पर सुनील सिंह को फटकार लगाने वाले नीतीश कुमार राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश पर चुप क्यों हैं?

बिहार में शिक्षामंत्री और आईएएस अधिकारी के बीच की लड़ाई और उस पर हो रही बयानबाजी को लेकर नीतीश कुमार सोमवार को नाराज हो गए. महागठबंधन की बैठक में राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील सिंह को मुख्यमंत्री ने जमकर फटकार लगाई. सुनील सिंह आईएएस अधिकारी केके पाठक के मामले में लगातार बयान दे रहे थे. 

सूत्रों के मुताबिक महागठबंधन विधायक दल की जैसे ही मीटिंग शुरू हुई नीतीश कुमार सुनील सिंह पर बरस पड़े. उन्होंने कहा कि सुनील सिंह अमित शाह से मिलते हैं और चुनाव लड़ने के लिए बिहार सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. 

इस दौरान सुनील सिंह भी जवाब देने के लिए उठे, लेकिन उन्हें तेजस्वी ने रोक लिया. दरअसल, एक मीटिंग में सुनील सिंह अमित शाह से मिले थे, जिसकी तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया था. सुनील सिंह पर नीतीश के इस रवैए ने बिहार के राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान कर दिया है. 

अमित शाह से मिलना गुनाह, तो हरिवंश पर कार्रवाई क्यों नहीं?
बिहार के सियासी गलियारों में सबसे अधिक चर्चा इसी मुद्दे की हो रही है. सवाल पूछा जा रहा है कि अमित शाह से मिलने पर सुनील सिंह को फटकार लगाने वाले नीतीश कुमार राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश पर चुप क्यों हैं?

हरिवंश को लेकर प्रशांत किशोर भी लगातार नीतीश पर निशाना साधते रहे हैं. हाल ही में हरिवंश ने पार्टी स्टैंड से हटकर संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे, जिसके बाद खुद जेडीयू अध्यक्ष ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाया था. 

ललन सिंह ने हरिवंश के नैतिकता पर भी जमकर हमला बोला था. हालांकि, नीतीश पूरे मामले पर चुप रहे. इतना ही नहीं, 7 दिन पहले हरिवंश से नीतीश मिले भी.

सुनील सिंह पर क्यों बिफरे नीतीश?

बिहार में शिक्षा मंत्री और एक आईएएस के बीच की लड़ाई में 9 जुलाई को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी और राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई माने जाने वाले विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया. इस पोस्ट में उन्होंने सवाल पूछते हुए लिखा, 'अगर यूपीएससी में सवाल पूछा जाए कि देश का सबसे अविश्वसनीय राजनेता कौन है? 

सुनील सिंह के इस पोस्ट पर कमेंट करने वाले ज्यादातर यूजर्स ने देश के सबसे अविश्वसनीय राजनेता बिहार के सीएम नीतीश कुमार को बताया. 

ये पहली बार नहीं है जब राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा हो. सुनील सिंह पिछले कुछ दिनों से लगातार जदयू और सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं.  

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक विवाद के दौरान सुनील कुमार ने ही अपने एक बयान में कहा था कि सीएम नीतीश मंत्रियों पर नकेल कसने के लिए हमेशा ही 5-7 अधिकारियों को लगाए रहते हैं. उनके इस ने बयान सनसनी फैला दी थी. 

पहले जानते हैं क्या है पूरा मामला..

दरअसल पूरे मामले की शुरुआत शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की तरफ से विभागीय अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पीत पत्र लिखने से शुरू हुआ. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने विभागीय अधिकारियों के काम करने के तरीके से नाराज थे और उन्होंने आईएएस अधिकारी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक को पीत पत्र  लिख दिया. 

इस पीत पत्र में शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों की काम करने के तरीके पर नाराजगी जताई है. पीत पत्र पूरी तरह गोपनीय होता है बावजूद इसके उसे मीडिया में लीक कर दिया गया. पत्र में कहा गया कि शिक्षा विभाग में ज्ञान से ज्यादा इस्तेमाल चर्चा कड़क, सीधा करने, नट बोल्ट टाइट करने, शौचालय सफाई, झाड़ू मारने, ड्रेस पहनने, फोड़ने, डराने, पैंट गीली करने, नकेल कसने, वेतन काटने, निलंबित करने, उखाड़ देने, फाड़ देने जैसे शब्दों का हो रहा है.

कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जाने से नाराज केके पाठक ने न सिर्फ पीत पत्र का जवाब दिया, बल्कि पीए के शिक्षा विभाग में प्रवेश पर ही पाबंदी लगा दी. जिसके बाद शिक्षा मंत्री ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से बात की और लालू यादव ने उन्हें नीतीश के पास भेज दिया. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केके पाठक के विभाग में आने के बाद से ही मंत्री की नहीं सुनी जा रही थी. शुरुआती कोशिश के बाद मंत्री ने अपने आप्त सचिव से पीत पत्र लिखवा दिया, जिसके बाद पूरा बवाल मचा. 

आरजेडी ने नीतीश पर साधा निशाना 

इस पूरे विवाद के बीच आरजेडी के एमएलसी और राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधना शुरू कर दिया. सबसे पहले उसने मीडिया को एक बयान देते हुए कहा,'नीतीश कुमार इसी तरह से काम करते हैं, जब कोई मंत्री अपने रास्ते से भटक जाते हैं या इधर-उधर करने लगते हैं तो नीतीश उनके विभाग में पाठक जैसे अधिकारियों को भेजते हैं.'

सुनील सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'मैं यह कह सकता हूं कि बिहार के मुख्यमंत्री के कंट्रोल में बिहार नहीं है, प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सब कुछ उनके कंट्रोल से बाहर जा चुका है.'

लालू यादव के बेहद करीबी नेता सुनील सिंह ने इस मामले में न सिर्फ मुख्यमंत्री पर निशाना साधा बल्कि उनके करीबी अशोक चौधरी को भी नहीं छोड़ा . उन्होंने कहा, 'अशोक चौधरी ने राबड़ी देवी को सदन में अपमानित किया था और नीतीश कुमार आज उनके ही शुभचिंतक बने हुए हैं क्योंकि इनकी फितरत रही है हर घाट का पानी पीना. यह कब तक रहेंगे नीतीश जी के साथ यह कोई नहीं जानता. अशोक चौधरी को मैंने लालू प्रसाद यादव के पैर छूते देखा है. '

केके पाठक के विरोध में बयान

बिहार के अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सादा ने केके पाठक पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सामंती विचारधारा को लागू करना चाहते है. महादलित टोले के शिक्षक जो महादलित के बच्चों को पढ़ाते हैं, उसको लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. मैंने इसका विरोध किया है और कहा है कि इस तरह का फरमान सही नहीं है. शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारी अब मनमानी पर उतर आए हैं.

बीजेपी नेता अजय आलोक ने भी केके पाठक पर आरोप लगाते हुए कहा कि बददिमाग मंत्री और सनकी अधिकारी रहेगा तो दोनों में ठनेगी ही. यह देखना नीतीश का काम है कि मंत्री और अधिकारी के बीच सब ठीक रहे, लेकिन नीतीश कुमार ने बिहार को बर्बाद कर दिया है. हर विभाग की हालत ऐसी है.

सीएम पर लगातार निशाना साधने वाले सुनील के बारे में...

आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह, लालू यादव के बेहद करीबी नेताओं में हैं. राबड़ी देवी उन्हें मुंहबोला भाई भी मानती है और एमएलसी होने के साथ-साथ वह पार्टी के कोषाध्यक्ष भी है. उन्हें आरजेडी का एमएलसी जून 2020 में बनाया गया था. साल 2003 से ही सुनील बिहार स्टेट मार्केटिंग यूनियन लिमिटेड (बिस्कोमान) के अध्यक्ष के पद पर बने हुए हैं. 

कहा जाता है कि राबड़ी देवी सुनील सिंह को इतना मानती हैं कि सगे भाइयों साधु और सुभाष यादव से मनमुटाव के बाद वह रक्षाबंधन पर सुनील सिंह को राखी बांधती हैं. वहीं दूसरी तरफ सुनील कुमार सिंह भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ पार्टी से जुड़ी हर जिम्मेदारी को निभाते हैं. 

बिहार की राजनीति पर नजर डालें तो सुनील सिंह हर परिस्थिति में लालू परिवार का साथ देते हुए ही नजर आते रहे हैं.  लालू परिवार से करीबी के कारण ही पिछले साल उन्हें विधान पार्षद भी बनाया गया था.

विपक्षी एकता पर पड़ सकता है असर 

नीतीश कुमार ने पिछले साल नौ अगस्त को बीजेपी से गठबंधन तोड़ कर लालू यादव से हाथ मिला लिया था. इसके बाद 25 सितंबर को नीतीश और लालू ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने की पहल भी की थी. 

अब अगले हफ्ते पटना के बाद बेंगलुरु में भी विपक्षी एकता को लेकर बैठक होने वाला है. ऐसे में राजद और जदयू के खट्टे होते संबंधों का असर इस बैठक पर भी पड़ सकता है.  

इन्हीं दोनों नेताओं ने बीजेपी के विरुद्ध विपक्षी दलों को राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच पर लाने की बात आगे बढ़ाई थी, लेकिन पटना में हुए बैठक के कुछ दिनों बाद ही दोनों दलों के तेवर ढीले पड़ते नजर आ रहे हैं. एक तरफ जहां नीतीश कुमार ने अपने ऊपर लगाए जा रहे तमाम आरोपों पर चुप्पी साध ली है वहीं दूसरी तरफ लालू के लोग अपनी ही सरकार पर आक्रामक हैं. भले ही दोनों ही पार्टियां अपने बीच आए कड़वाहट की खबरों को इनकार कर रहे हैं. लेकिन आरजेडी और जदयू आपस में इस कड़वाहट को दूर करने की पहल भी नहीं कर रहे हैं. 

एक तरफ जहां राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई और राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह लगातार अपनी ही सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ लालू परिवार के चहेते शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने विभाग जाना छोड़ दिया है.

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क ने एबीपी को बताया कि बिहार में वर्तमान में जो स्थिति पैदा हुई है, उसमें जितने भी नेता नीतीश को टारगेट कर रहे हैं वो दूसरे और तीसरे दर्जे के नेता हैं. वो चाहे आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह हो या एमलसी सुनील कुमार सिंह. ये दोनों नेता अपने स्तर से बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन क्योंकि सुधाकर सिंह आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष सचिनानंद सिंह के बेटे हैं और सुनील कुमार सिंह राबड़ी देवी को आपनी बहन मानते हैं. ऐसे में माना ये जा रहा है कि अगर ये दोनों नेता कुछ बोल रहे हैं तो अपने मन से नहीं बोल रहे हैं. जरूर इनको इस तरह बोलने की छूट मिली है.

पत्रकार ने ओमप्रकाश ने कहा कि यह इस बात से भी जस्टिफाई होता है कि जब शुरू में सुधाकर सिंह नीतीश कुमार के प्रति नपुंशक जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे तो नीतीश कुमार ने अपनी और से कोई प्रतिक्रिया देने के बजाय यही कहा था कि यह आरजेडी का मामला है और आरजेडी का नेतृत्व इसे देखेगा. उस वक्त तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि ऐसा जो भी नेता बोल रहा है वो भी परोक्ष तौर पर बीजेपी की मदद कर रहा है.

अश्क ने बताया कि वहीं दूसरी तरफ वर्तमान की परिस्थिति देखें तो शिक्षा मंत्री और केके पाठक विवाद में नीतीश कुमार अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि सोमवार यानी 10 जुलाई को बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के ठीक पहले हुए बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद के एमएलसी सुनील सिंह को समझाया की उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. 

 पिछली कई तरह के घटनाक्रमों की ओर याद दिलाले हुए ओमप्रकाश अश्क का कहना है कि नीतीश कुमार ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अपनी तरफ से कोई बयानबाजी नहीं की है. लेकिन उनके मन में इस विवाद को लेकर खटास जरूर पैदा हो गई है और ये सभी जानते हैं कि नीतीश जब चुप होते हैं तो खलबली मचती है यानी राजनीति में कोई बड़ा परिवर्तन होता है. इस बार भी इस खटास का अंत विघटन से होता है तो कोई अचरज की बात नहीं है. 

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

लेफ्टिनेंट साई जाधव ने रचा इतिहास, किसी महिला सैन्य अधिकारी ने पहली बार किया यह काम
लेफ्टिनेंट साई जाधव ने रचा इतिहास, किसी महिला सैन्य अधिकारी ने पहली बार किया यह काम
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े डॉ. रामविलास वेदांती का निधन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े डॉ. रामविलास वेदांती का निधन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख
'मैं और कितना लालची हो सकता हूं....', abp न्यूज के कॉन्क्लेव में यह क्या बोल गए चिराग पासवान
'मैं और कितना लालची हो सकता हूं....', abp न्यूज के कॉन्क्लेव में यह क्या बोल गए चिराग पासवान
Delhi IGI Airport Fog: IGI एयरपोर्ट पर 40 फ्लाइट्स कैंसल, 200 से ज्यादा डिले, इंडिगो संकट के बीच परेशानी का नया सबब क्या?
IGI एयरपोर्ट पर 40 फ्लाइट्स कैंसल, 200 से ज्यादा डिले, इंडिगो संकट के बीच परेशानी का नया सबब क्या?

वीडियोज

Delhi AIR Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण का कहर...सड़कों पर कई गाड़ियां हादसे का शिकार
India@2047 Entrepreneurship Conclave: नितिन नबीन को नेशनल प्रेसिडेंट बनाए जाने पर चिराग ने क्या कहा?
BJP New President : कमल की कमान पर बंगाल के बाद 2027 के चुनाव पर क्या है नबीन का प्लान? | BJP
Sydney Bondi Beach Attack: आतंकी हमले से दहला सिडनी... दहशत में आया पूरा शहर | abp News
Sydney Bondi Beach Attack: सिडनी हमले में सामने आया पाकिस्तानी कनेक्शन | Bondi Beach | ABP News

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
लेफ्टिनेंट साई जाधव ने रचा इतिहास, किसी महिला सैन्य अधिकारी ने पहली बार किया यह काम
लेफ्टिनेंट साई जाधव ने रचा इतिहास, किसी महिला सैन्य अधिकारी ने पहली बार किया यह काम
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े डॉ. रामविलास वेदांती का निधन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े डॉ. रामविलास वेदांती का निधन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख
'मैं और कितना लालची हो सकता हूं....', abp न्यूज के कॉन्क्लेव में यह क्या बोल गए चिराग पासवान
'मैं और कितना लालची हो सकता हूं....', abp न्यूज के कॉन्क्लेव में यह क्या बोल गए चिराग पासवान
Delhi IGI Airport Fog: IGI एयरपोर्ट पर 40 फ्लाइट्स कैंसल, 200 से ज्यादा डिले, इंडिगो संकट के बीच परेशानी का नया सबब क्या?
IGI एयरपोर्ट पर 40 फ्लाइट्स कैंसल, 200 से ज्यादा डिले, इंडिगो संकट के बीच परेशानी का नया सबब क्या?
ICC U19 World Cup की एक टीम में 3 भाइयों ने जगह बनाकर रचा इतिहास, 51 साल बाद होगा ऐसा
ICC U19 World Cup की एक टीम में 3 भाइयों ने जगह बनाकर रचा इतिहास, 51 साल बाद होगा ऐसा
IIT भुवनेश्वर में नॉन टीचिंग स्टाफ के पदों पर निकली भर्ती, सैलरी सुनकर उड़ जाएंगे होश
IIT भुवनेश्वर में नॉन टीचिंग स्टाफ के पदों पर निकली भर्ती, सैलरी सुनकर उड़ जाएंगे होश
Prostate Cancer Warning Signs: पेशाब के रास्ते आ रहा है खून तो समझ लीजिए हो गया प्रोस्टेट कैंसर, इन लक्षणों से भी कर सकते हैं पहचान
पेशाब के रास्ते आ रहा है खून तो समझ लीजिए हो गया प्रोस्टेट कैंसर, इन लक्षणों से भी कर सकते हैं पहचान
'मेरे सिर से खून निकल रहा', ये रिश्ता क्या कहलाता है फेम एक्टर अनुज सचदेवा पर हमला, लाठी से की पिटाई
'मेरे सिर से खून निकल रहा', ये रिश्ता क्या कहलाता है फेम एक्टर अनुज सचदेवा पर हमला, लाठी से की पिटाई
Embed widget