दिल्ली: नए साल के पहले दिन कोरोना वैक्सीन को लेकर कोई फैसला होने की संभावना है. एक जनवरी यानी शुक्रवार को सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की कोरोना वैक्सीन पर बैठक है. बैठक में तीन दवा कंपनियों के डाटा का रिव्यू होगा जिन्होंने इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन की अनुमति मांगी है. इस कमिटी की सिफारिश पर डीसीजीआई फैसला लेंगे.


साल 2021 के पहले दिन से कई लोगों को उम्मीद है. नए साल के पहले दिन कोरोना वैक्सीन को लेकर भी लोगों को उम्मीद है. उम्मीद है की इस महामारी के खिलाफ भारत को वैक्सीन मिल जाए. ये उम्मीद इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि एक जनवरी को वैक्सीन पर सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की बैठक है. जिसमें भारत में कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन पर चर्चा होगी. ये तीन कंपनी है सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और फाइजर.


सबसे पहले 9 दिसंबर को कोरोना वैक्सीन पर सब्जेक एक्सपर्ट कमिटी की बैठक हुई थी. इस बैठक में


- फाइजर ने लिख कर दिया है की उन्हे कुछ और समय चाहिए अपने डाटा के बारे में और जानकारी देने के लिए, उनको सब्जेक्ट एक्सपर्ट पैनल ने और समय दे दिया.


- सीरम इंस्टीट्यूट ने सुरक्षा डेटा जमा किया था वो सिर्फ 14 नवंबर तक का था. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति


सिफारिश की है कि  सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को से  समीक्षा के लिए ये डाटा और जानकारी मांगी है


1- क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण का अपडेटेड डाटा.


2- ब्रिटेन और भारत में किए गए क्लीनिकल ट्रायल के इम्यूनोजेनिसिटी डाटा.


3- यूके के रेगुलेटर के पास इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए अनुमति की जानकारी.


भारत बायोटेक से भी और जानकारी मांगा गया है. भारत बायोटेक से कहा गया की अभी चल रहे क्लीनिकल ट्रायल एफीकेसी और सेफ्टी डाटा कमेटी के सामने प्रस्तुत करें.


इसके बाद 17 दिसंबर को फिर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की बैठक हुई जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जोकि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन बना और ट्रायल कर रहें और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड से कुछ और डाटा मांगा गया. जोकि जमा करा दिया गया था.


इसके बाद 30 दिसंबर को फिर से कोरोना वैक्सीन पर SEC यानी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की बैठक हुई. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जिसमें फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई.


- जिसमें सीईसी ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से मिले अतिरिक्त डाटा पर विचार विमर्श हुआ.


- वहीं फाइजर ने कुछ और वक्त मांगा है.


- कम्पनियों ने जो अतिरिक्त डाटा सौंपा है उसपर समीक्षा की जा रही है. और इसपर में 1 जनवरी को दोबारा मीटिंग होगी.


अब शुक्रवार को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी फिर बैठक करेगी और डाटा रिव्यू करने के बाद अपनी सिफारिश दे सकती है. ये सिफारिश डीसीजीआई यानी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को होगी जिसके आधार पर वो अपना निर्णय करेंगे.


वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जिस ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन बना रही और भारत में ट्रायल कर रही है उसे यूके में इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिल चुका है. सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की पहली बैठक में कहा गया था की यूके के रेगुलेटर से अनुमति मिल जाए तो इसकी जानकारी डाटा के साथ देनी है. वहीं इस वैक्सीन का भारत में भी दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल हुआ है. ऐसे में उम्मीद यही की जा रही है की वैक्सीन को शायद सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी इस वैक्सीन पर अपनी राय अच्छी दे. जिसके बाद डीसीजीआई से अनुमति मिल जाए.


वहीं कौन सी वैक्सीन पहले आएगी ये तो अभी साफ नहीं है लेकिन भारत सरकार ने इसको लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली है. कोल्ड स्टोरेज से लेकर वैक्सीनेटर की ट्रेनिंग और जिन्हे देना है उनका डाटा सब कुछ. पहले चरण में ये वैक्सीन तीस करोड़ लोगो को दी जाएगी जिसके लिए प्रायरिटी लिस्ट यानी प्राथमिकता तय कर ली गई है. सबसे पहले हैल्थ केयर वर्कर, इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर और फिर पचास साल से ज्यादा उम्र के लोग और 50 साल से कम उम्र के वो लोग जिन्हे गंभीर बीमारी है. वहीं इसको लेकर चार राज्यों में दो दिनों का ड्राई रन भी किया गया था. वहीं 2 जनवरी को फिर से सभी राज्यों में एक दिन का ड्राई रन किया जाएगा.


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