Umesh Kolhe Murder: अमरावती हत्याकांड (Amaravati Murder) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. उमेश (Umesh Kolhe) हत्या मामले में गिरफ़्तार आरोपी और उमेश का दोस्त वेटनरी डॉक्टर यूसुफ़ खान (Yusuf Khan) ने उमेश से दो लाख रुपए के क़रीब दवाइयां उधार ली थीं. इसके साथ ही पुलिस (Police) उमेश की दुकान से हिसाब वाली डायरी को भी जब्त कर लिया है. इस डायरी में उमेश किसको कितना उधार दिया है और कितने लोगों को दवाइयां उधार दी हैं इसका पूरा हिसाब रखते थे. पुलिस करीब 2 साल के लेखा-जोखा की जांच कर रही है.
उधर कोर्ट ने उमेश कोल्हे के हत्या के मास्टरमाइंड आरोपी इरफ़ान शेख़ को 7 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर यूसुफ़ खान और उमेश कोल्हे की दोस्ती 10 साल से भी ज्यादा अधिक समय की है. यूसुफ़ खान कई बार उमेश से क्रेडिट पर दवाइयां लिया करता था. इतना ही नहीं ये भी पता चला है कि युसुफ खान उमेश कोल्हे के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था. कहा जा रहा है कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि हत्या का शक उस पर न जाए. युसुफ और उमेश का रिश्ता इतना गहरा था कि इन लोगों का घर में आना जाना था.
उदयपुर हत्याकांड और अमरावती हत्याकांड एक जैसे?
उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद खुला उमेश कोल्हे हत्याकांड देखने में एक जैसे लगते हैं. कहा जा रहा है कि दोनों मामलों में हत्या करने की वजह एक थी. इन दोनों ही मामलों में नुपूर शर्मा की विवादित टिप्पणी के बाद उनके समर्थन में पोस्ट साझा करने की बात सामने आई जिसके बाद हत्याएं हुईं. दोनों ही केसों की जांच एनआईए कर रही है. उमेश के भाई महेश कोल्हे ने मामले की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की मांग की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, कड़ी से कड़ी सजा मिले.
उमेश हत्याकांड का मास्टरमाइंड यूसुफ खान
उमेश कोल्हे (Umesh Kolhe) की हत्या का मास्टरमाइंड यूसुफ खान (Yusuf Khan) अब पुलिस (Police) की गिरफ्त में है. कहा जा रहा है कि युसुफ खान ने ही उमेश कोल्हे की सोशल मीडिया (Social Media) पोस्ट को वॉट्सऐप ग्रुप (Whatsapp Group) में शेयर किया था. उसी ग्रुप में आरोपी इरफान शेख भी था. बता दें कि 21 जून की रात उमेश कोल्हे अपने मेडिकल स्टोर (Medical Store) से स्कूटर से घर लौट रहे थे. रास्ते में एक बाइक पर सवार तीन लोगों ने उन्हें रोक लिया और हत्या कर दी. उनके बेटे और पत्नी भी साथ में ही दूसरी बाइक पर थे लेकिन वे उन्हें बचा नहीं पाए. इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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