लॉटरी टिकटों की आड़ में बड़ा फ्रॉड, ED ने 409 करोड़ को संपत्ति की कुर्क
इस मामले में आरोप है कि इस कंपनी और उसके सहयोगियों ने एक आपराधिक साजिश रची और लाटरी टिकटों की बिक्री की आड़ में राज्य सरकारों को लगभग 400 करोड़ रुपए का चूना लगाया.
लॉटरी टिकटों की आड़ में धोखाधड़ी करने वाले फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और उसके सहयोगियों की प्रवर्तन निदेशालय ने 409 करोड़ रुपए की चल संपत्ति को अस्थाई रूप से कुर्क की है. यह कंपनी सिक्किम और नागालैंड राज्य द्वारा आयोजित पेपर लॉटरी की एकमात्र वितरक है जो वहां बहुचर्चित डियर लॉटरी चलाती है.
प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि जो धनराशि जप्त की गई है वह इस कंपनी और उसके सहयोगियों के बैंक खातों और म्यूचल फंड होल्डिंग्स में शेष राशि के रूप में है. अधिकारी के मुताबिक ईडी ने यह मामला कोलकाता पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं और लॉटरी नियम अधिनियम 1998 की धारा 9 के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया था. इस मामले में आरोप है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड सिक्किम और नागालैंड राज्य द्वारा चलाई जा रही एकमात्र पेपर लॉटरी की एकमात्र वितरक है जो अपने सहयोगियों की मदद से इस काम को अंजाम देती है.
400 करोड़ रुपए का चूना लगा
इस मामले में आरोप है कि इस कंपनी और उसके सहयोगियों ने एक आपराधिक साजिश रची और लाटरी टिकटों की बिक्री की आड़ में राज्य सरकारों को लगभग 400 करोड़ रुपए का चूना लगाया. यह भी आरोप है कि लॉटरी के जो टिकट बिके ही नहीं थे उनमें भी फर्जीवाड़ा कर चूना लगाया गया. आरोप है कि कंपनी और उसके सब डिस्ट्रीब्यूटर ने साल 2014 से साल 2017 तक धोखाधड़ी कर अवैध तरीके से 400 करोड़ रुपए कमाए. यह भी आरोप है कि राज्य सरकार की अनुशंसा के बिना ही इन लोगों ने अनेक ऐसी योजनाएं चलाई जिसका सीधा फायदा कंपनी और उसके डिस्ट्रीब्यूटर को ही होना था. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच के दौरान लगभग पूरे पैसे की अपराध संपत्ति को चिन्हित किया और अब उसे आरंभिक तौर पर जप्त कर लिया गया है मामले की जांच जारी है.
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