AAP के लिए 20 विधायकों को खो देना कितना बड़ा झटका? जानिए- कैसे मुश्किल में फंस गए हैं केजरीवाल
दरअसल, 20 विधायकों को खो देना एक झटका है, लेकिन इसके साथ ही एक अन्य खतरा भी मंडरा रहा है. अभी परीक्षा और परेशानी की एक और घड़ी दस्तक दे सकती है.
केजरीवाल ने 27 विधायकों को मोहल्ला क्लीनिक की रोगी कल्याण समिति का अध्यक्ष बनाया हुआ है. विभोर आनंद नाम के एक शख्स ने इसे भी लाभ का पद मानते हुए अदालत में चुनौती दी है. इन 27 विधायकों में से सात ऐसे भी हैं जिनपर संसदीय सचिव के पद पर रहने का आरोप भी था. यानि कुल मिलाकर 20 और विधायकों पर सदस्यता जाने की तलवार लटक रही है.
हालांकि, 20 विधायकों के निपटने के बाद भी केजरीवाल सरकार के पास 46 विधायक बचते हैं जो बहुमत के लिए जरुरी 36 से ज्यादा है. यानि सरकार सुरक्षित है.
लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इन 46 में से कपिल मिश्रा जैसे बगावती तेवर वाले पांच विधायक शामिल हैं. इन्हें हटा दिया जाए तो संख्या 41 की बैठती है जो बहुमत से सिर्फ पांच ही ज्यादा है.
दूसरी परेशानी केजरीवाल के साथ आ सकती है. उनके नेतृत्व पर सवाल उठेंगे. आखिर ये सवाल उठ सकता है कि उनकी गलती से पार्टी को ये भारी नुकसान सहना पड़ा.