Modi Cabinet Decision: भारत के इस फैसले से चीनी मार्केट में मची खलबली, 6 साल में सरकार खर्च करेगी 76 हजार करोड़ रुपए
Semiconductor Production: कोविड के कारण चीन ने सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन में कमी की जिसका असर दुनियाभर में पड़ा और भारत में इसका असर ऑटो सेक्टर पर देखा गया
Semiconductor Production In India: केंद्र सरकार ने देश को सेमीकंडक्टर बनाने के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 76 हज़ार करोड़ रूपए के निवेश की घोषणा की है. रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एबीपी न्यूज़ से हुई एक ख़ास बातचीत में कहा कि इससे एक लाख पैंतीस हज़ार रोज़गार भी पैदा होगा. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आज प्रधानमंत्री ने अति महत्वपूर्ण स्ट्रेटजिक डिसीजन लिया है कि सेमीकंडक्टर का पूरा ईको सिस्टम भारत में तैयार किया जाएगा.
किन चीजों में लगता है सेमीकंडक्टर
सेमीकंडक्टर चिप दैनिक ज़रूरत की हर इलेक्ट्रॉनिक चीज़ में लगती है. कम्प्यूटर, टीवी, मोबाईल, कैमरा, स्मार्ट बल्ब, एसी, आटोमोबिल सेक्टर यानी कार आदि, रेलवे, टेलीकॉम, ऑडीओ इक्विप्मेंट, माईक आदि सभी चीजों में सेमी कंडक्टर का उपयोग होता है.
अभी 100% इंपोर्ट पर निर्भर है भारत
फिलहाल भारत में सेमी कंडक्टर का कॉमर्शियल उत्पादन न के बराबर है. अभी हम इसे 100% इंपोर्ट करते हैं. सभी इलेक्ट्रानिक सामानों को बनाने के लिए सेमीकंडक्टर की ज़रूरत पड़ती है. भारत सेमीकंडक्टर को चीन से इंपोर्ट करता है.
चीन है दुनिया का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर निर्माता
कोरोना के चलते चीन ने अपने सेमीकंडक्टर के प्रोडक्शन में कमी की जिसका असर दुनियाभर में पड़ा. भारत में भी इसका असर ऑटो सेक्टर पर देखा गया जिसके चलते कारों के प्रोडक्शन से लेकर उनकी डिलवरी में काफी लंबा समय लगने लगा. ऐसी परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने ये बड़ा फ़ैसला लिया जिसमें भारत में सेमीकंडक्टर यूनिट्स और इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए 76 हज़ार करोड़ का इंसेंटिव इस इंडस्ट्री को देने की घोषणा की है.
देश को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने का लक्ष्य
इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, डिज़ाइन, पैकेजिंग और इसके पूरे ईको सिस्टम में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है. ऐसा होने पर यह इस क्षेत्र में किसी क्रांति से कम नहीं होगा.
85 हज़ार सेमी कंडक्टर इंजीनियर तैयार किए जाएंगे
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य के चलते इससे एक लाख पैंतीस हज़ार रोज़गार पैदा होंगे. देश में 85 हज़ार सेमीकंडक्टर इंजीनियर तैयार किए जाएंगे.
प्लानिंग की बारीक बातें
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री को सपोर्ट करने और पूरा ईको सिस्टम बनाने की बारीक से बारीक बातों पर प्लानिंग कर ली गई है. निवेश को कई स्तरों पर रिलीज़ किया जाएगा. इंडस्ट्री को सपोर्ट करने का तरीक़ा ये होगा-
- कैपिटल सपोर्ट यानी इन्वेस्टमेंट सपोर्ट
- डिज़ाइन के समय जितने रुपए खर्चे होते हैं उसका रिएमबर्समेंट किया जाएगा ताकि डिज़ाइन बनाने वालों को बेहतर डिज़ाइन बनाने के लिए खर्च को लेकर चिंता न करनी पड़े.
- डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव दिया जाएगा. यानी बनाई गई डिज़ाइन का जब इम्पलिमेंटेशन किया जाएगा तब उस डिज़ाइन के लिए इंसेंटिव दिया जाएगा. इसी तरह के ही अन्य अनेकों लाभ दिए जाएंगे.
- सेमीकंडक्टर से संबंधित शिक्षा संस्थान और निर्माण यूनिट्स लगाई जाएंगी
- सेमीकंडक्टर के नए इंजीनियर तैयार किए जाएंगे,इत्यादि.
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