नई दिल्लीः एबीपी न्यूज ने आज शिखर सम्मेलन राजस्थान का आयोजन किया है. इसमें देश के दिग्गज नेताओं ने आने वाले राजस्थान चुनाव के लिए अपने अपने दांव-पेंच दिखाए. इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने भी शिरकत की. उन्होंने कहा कि राजस्थान में बहुत काम हुए हैं और इसी के आधार पर बीजेपी दोबारा सत्ता में लौटेगी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राजस्थान में ग्रोथ नहीं गोत्र की बात हो रही है. कांग्रेस अपने अध्यक्ष के गोत्र का एलान सोशल मीडिया पर कर रही है और इस स्तर की राजनीति करने का इरादा सिर्फ एक है कि राजस्थान में धर्म, जाति को मुख्य मुद्दा बनाकर बीजेपी के विकास कार्यों को कमतर दिखाया जा सके.
जहां तक ग्रोथ की बात की जाए तो आज राजस्थान को बीमारू राज्य की श्रेणी से निकालकर बीजेपी ने सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा किया है. इसका श्रेय वसुंधरा राजे सरकार को जाता है और इस कार्य के लिए जनता बीजेपी को चुनाव में रिवॉर्ड देगी.
जयपुर, अलवर जैसे राज्यों में आईटी के फील्ड में काफी काम हो रहा है और रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं. डिजिटल इंडिया के माध्यम से ई -मित्रों की तैनाती की गई है और लाखों की तादाद में रोजगार के मौके बनाए जा रहे हैं. मुद्रा योजना के तहत 12 करोड़ से ज्यादा लोन दिए गए हैं और इसमें से 42-47 लाख के करीब लोन राजस्थान में दिए गए हैं और इसके आधार पर कहा जा सकता है कि कई परिवारों को लोन दिया गया है.
राम मंदिर के मुद्दे पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राम मंदिर अयोध्या में नहीं तो कहां बनेगा. हमने कोशिश की थी कि रामलला के केस को कोर्ट को से बाहर सुलझाया जा सके. अगर इस देश के आम मुसलमानों से पूछा जाए तो बड़ी संख्या में वो लोग कहेंगे कि अयोध्या प्रभु राम की स्थली है. हम प्रभु राम के मुद्दे को चुनाव से नहीं जोड़ते लेकिन कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में क्यों कहा कि 2019 से पहले इस मामले की सुनवाई न हो. क्योंकि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति करना चाहती है और वो इसे चुनावी मुद्दा साबित करना चाहती है.
हमने कभी नहीं कहा कि किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई जाए. जब देश के धार्मिक स्थलों को लेकर मुद्दा उठता है तो हम ये साफ करना चाहते हैं कि संवैधानिक मर्यादा के अंतर्गत अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाया जाएगा और बीजेपी के मनिफेस्टो को पूरा किया जाएगा.
हमने कभी नहीं कहा कि किसी के धार्मिक स्थल को लेकर उस धर्म के लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई जाए. मैंने पहले भी कहा था और आज फिर दोहराता हूं कि अगर जामा मस्जिद की एक ईंट भी हिलाने की कोशिश की जाएगी तो उसे रोकने के लिए रविशंकर प्रसाद खुद उसके खिलाफ खड़ा हो जाएगा. अजमेर शरीफ को लेकर मुसलमानों की आस्था को कोई चुनौती देगा तो उसे रविशंकर प्रसाद का सामना करना पड़ेगा. इसी तरह सबको ये समझ लेना चाहिए कि अयोध्या प्रभु राम की जन्मस्थली है और इसको लेकर जो आस्था है उस पर आघात नहीं होना चाहिए.