नई दिल्ली: लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बाद कल केंद्र की मोदी सरकार ने जनता को थोड़ी राहत दी. आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 81 रुपये 50 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. कल (गुरुवार) दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 84 रुपये प्रति लीटर थी. यानि कल के मुकाबले आज पेट्रोल 2 रुपया 10 पैसा सस्ता है. वहीं मुंबई में पेट्रोल आज 86 रुपये 97 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. कल इसकी कीमत 91 रुपये 34 पैसे थी. सरकार ने चार रुपये 37 पैसे प्रति लीटर की राहत दी है.


डीजल की बात करें तो आज दिल्ली में एक लीटर की कीमत 72 रुपये 95 पैसे है. मुंबई में इसकी कीमत 77 रुपये 45 पैसे प्रति लीटर है. कल इसकी कीमत दिल्ली में 75 रुपये 45 पैसे और मुंबई में 80 रुपये 10 पैसे प्रति लीटर थी. आपको बता दें कि पेट्रोल डीजल की कीमत मोदी सरकार बनने के बाद अपने उच्चतम स्तर पर है. जिसकी वजह से सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस ने बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों को 'फ्यूल लूट' का नाम दिया.


इन राज्यों में पांच रुपये तक सस्ता हुआ पेट्रोल
तमाम आलोचनाओं के बाद कल मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की. केंद्र की अपील पर भारतीय जनता पार्टी शासित कुछ राज्यों ने भी तेल पर वैट (मूल्य वर्धित कर) में कटौती की घोषणा की. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, असम और त्रिपुरा ने तेल के दाम पर वैट में 2.5 फीसदी की कटौती करने का एलान किया. महाराष्ट्र में सिर्फ पेट्रोल पर वैट घटाया गया है जबकि झारखंड सरकार ने सिर्फ डीजल पर वैट में कटौती की है.


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज एक लीटर पेट्रोल की कीमत में 78 रुपये 95 पैसे जबकि डीजल की कीमत 71 रुपये प्रति लीटर है. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वैट में कटौती के बाद एक लीटर पेट्रोल की कीमत 82 रुपये 60 पैसे और डीजल 70 रुपये 55 पैसे प्रति लीटर की दर पर पहुंच गई है. वहीं गुजरात की बात करें तो अहमदाबाद में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 81 रुपये 50 पैसे और डीजल 76 रुपये 42 पैसे है.

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने तेल के दाम में कटौती की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से चालू वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में 10,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों से भी इसी प्रकार की कटौती करने की अपील की है.

एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद केंद्र सरकार ने डीजल और पेट्रोल के दाम में कटौती का फैसला लिया. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान और रेलमंत्री पीयूष गोयल शामिल थे.


मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अगले महीने चुनाव है जहां बीजेपी को अपनी साख बचानी है. यही कारण है कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी प्रदान करने के एक दिन बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती की गई है.


केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कांग्रेस ने इस कटौती की हाथी जैसी बड़ी महंगाई के सामने चींटी भर की राहत करार दिया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार को तेल की कीमतें 2014 के स्तर पर लाने की चुनौती देते हुए कहा, "सरकार की यह प्रतिक्रिया घबराहट पैदा करने वाली है. राहत का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह कटौती नगण्य है."


हाल ही में तेल पर वैट कटौती करने वाली केरल सरकार ने कहा कि वह अभी कर कटौती नहीं करेगी. केरल सरकार ने केंद्र से तेल की कीमत 2014 के स्तर पर लाने की मांग की और कहा कि वह तभी इसपर विचार कर सकती है.


पिछले महीने कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और आंध्रप्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती की. वित्तमंत्री ने कहा कि इस फैसले से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 10,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा, जोकि राजकोषीय घाटे का महज 0.05 फीसदी है. कर कटौती की नई घोषणा से पूर्व पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 19.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर उत्पाद शुल्क 15.33 रुपये प्रति लीटर था.


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