लॉकडाउन के दौरान जूट किसानों को बड़ी राहत, कपड़ा मंत्रालय ने राज्यों को दिए ये निर्देश
कपड़ा मंत्रालय ने लॉकडाउन अवधि के दौरान जूट किसानों की मदद करने के लिए सभी जूट उगाने वाले राज्य सरकारों को जूट के बीज, उर्वरक और अन्य कृषि एड्स की आवाजाही, बिक्री और आपूर्ति की अनुमति देने के लिए लिखा है.
नई दिल्ली: किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने जूट किसानों को बड़ी राहत दी है. राज्यों को निर्देश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि गेहूं किसानों की पैकेजिंग और अन्य खाद्यान्नों की पैकेजिंग के लिए जूट किसानों को छूट दी जाए. किसानों को जूट के बीज, उर्वरक और अन्य कृषि एड्स की आवाजाही, बिक्री और आपूर्ति की अनुमति दी जाए.
इन दिनों देशभर में गेहूं अन्य खाद्यानों की कटाई चल रही है. जबकि लॉकडाउन के चलते सभी जूट मिल बंद है. जिसकी वजह से खाद्दान्नों की पैकेजिंग के लिए पैकेजिंग बैग्स का संकट खड़ा हो गया है. जिसे ध्यान में रखते हुए कपड़ा मंत्रालय ने वैकल्पिक व्यवस्था पर काम शुरू कर दिया है.
यह कदम मुख्य रूप से गेहूं किसानों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है क्योंकि अप्रैल के मध्य में अनाज की पैकिंग के लिए तैयार होने की संभावना है. हालांकि, सरकार ने प्रोविज़ो के साथ यह विचार किया है कि जब भी जूट मिलों में जूट के थैलों का उत्पादन शुरू हो जाएगा, तो लॉकडाउन अवधि समाप्त होने के बाद, खाद्यान्न की पैकेजिंग के लिए जूट के थैलों को प्राथमिकता दी जाएगी.
सरकार जूट पैकेजिंग सामग्री अधिनियम (JPM), 1987 के प्रावधानों के माध्यम से जूट किसानों और श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और यह जूट के बैग में खाद्यान्न की पैकेजिंग के लिए लगभग 100 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है.
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