Supreme Court on Nawab Malik: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को बड़ी राहत दी है. अदालत की तरफ उन्हें मिली अंतरिम राहत फिलहाल बनी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राहत तब तक बनी रहेगी जब तक उनकी नियमित जमानत पर बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश नहीं आ जाता.


11 अगस्त 2023 को खराब स्वास्थ्य के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मलिक को अंतरिम जमानत दी थी. तब से वह बाहर हैं. नवाब मलिक को फरवरी 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. नवाब मलिक किडनी, लीवर, दिल और की कई अन्य शारीरिक बीमारियों से पीड़ित हैं. कुर्ला इलाके में जमीन बिक्री घोटाले में ईडी ने नवाब मलिक को अरेस्ट किया था. 


सॉलिसिटर जनरल ने भी नहीं किया विरोध


सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को नवाब मलिक की याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अंतरिम जमानत देने का विरोध नहीं किया और कहा कि अंतरिम चिकित्सा जमानत को स्थायी किया जा सकता है. हालांकि ईडी बॉम्बे हाई कोर्ट में नवाब मलिक के नियमित जमानत का विरोध कर चुकी है.


दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन पर हुई थी अरेस्टिंग


बता दें कि नवाब मलिक के खिलाफ ईडी का मामला अंडरवर्ल्ड डॉन और 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एंजेसी (एनआईए) की ओर से गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है. इसी को लेकर नवाब मलिक को गिरफ्तार भी किया गया था. नवाब मलिक ने हाई कोर्ट में यह दलील देते हुए राहत मांगी थी कि वह किडनी की बीमारी के अलावा कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं. अभी हाई कोर्ट ने अपना फैसला नहीं सुनाया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को स्वास्थ्य कारणों से नवाब मलिक को अंतरिम जमानत दी थी. 


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