Big Relief to Sameer Wankhede: NCB के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे (Former Zonal Director Sameer Wankhede) को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की तरफ से बड़ी राहत मिली है. बीते शुक्रवार इस मामले की सुनवाई करने हुए SC आयोग ने ये मान लिया कि समीर वानखेडे अनुसुचित जाति के ही हैं और इसके साथ ही काफी महीनों से चल रहे इस मामले में समीर वानखेड़े ने राहत की सांस ली. 


बता दें कि महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े पर फर्जी सर्टिफिकेट से मौकरी पाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि वानखेडे मुस्लिम थे, वे अनुसूचित जाति महार समुदाय के नहीं थे. मलिक का कहना था कि वानखेडे ने नकली जाति सर्टिफिकेट के जरिए UPSC की परीक्षा पास की थी. 


क्या था पूरा मामला


नवाब मलिक ने अपने आरोप को साबित करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने ट्विटर पर साझा किए सर्टिफिकेट को वानखेड़े का असली बर्थ सर्टिफिकेट बताया था. दरअसल महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री नवाब मलिक ने साल 2021 के ऑक्टूबर महीने में अपने सोशल मीडिया पर दो ट्वीट किए थे. पहले ट्वीट में उन्होंने वानखेडे की एक फोटो शेयर की. इस फोटो को शेयर करते हुए मलिक ने लिखा पहचान कौन? जबकि एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नगर निगम के प्रमाण पत्र की तस्वीर साझा की. इस प्रमाण पत्र में समीर के पिता का नाम 'दाउद क. वानखेडे' लिखा है. वहीं धर्म की जगह पर 'मुस्लिम' लिखा है. हालांकि इस मामले में वानखेडे के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े (Father Gyandev Wankhede) ने मलिक पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा था मैंने कभी भी धर्म नहीं बदला. उन्होंने कहा कि ये सारे आरोप गलत है. उनकी इंटरकास्ट शादी हुई थी, लेकिन उन्होंने या उनकी पत्नी ने कभी अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया था. 


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