गुरुग्राम:  गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में सात साल की बच्ची मौत से जुड़ी सरकारी जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा खुलाया हुआ है. अस्पताल की तरफ से दवाओं के नाम पर 1737 फीसदी तक मुनाफा लिया गया था. वहीं मामले के सामने आने के बाद मुंह बंद करने के लिए बच्ची के परिवार को 25 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश भी की गई थी.

सात साल की बच्ची आद्या की मौत के जिम्मेदार फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे पिता जयंत सिंह का आरोप है कि जुबान पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने उन्हें 25 लाख रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की है.

क्या है मामला?

गुरुग्राम के नामी फोर्टिस अस्पताल में कुछ दिनों पहले सात साल की आद्या की डेंगू की बीमारी से मौत हुई थी और अस्पताल ने इलाज के नाम पर परिवार को 16 लाख रुपये का बिल थमा दिया था.

हरियाणा सरकार की जांच रिपोर्ट में खुलासा

हरियाणा सरकार की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इलाज के नाम फोर्टिस अस्पताल ने कई दवाओं में 1737 फीसदी तक का मुनाफा खाया. जबकि काम में ली गई कुछ दवाओं में 108 फीसदी तक लाभ कमाया. अस्पताल में जेनेरिक दवाएं मौजूद थी, बावजूद इसके ब्रांडेड दवाओं का इस्तेमाल किया गया.



प्राइवेट अस्पतालों की लूट और लापरवाही

प्राइवेट अस्पताल की लूट और निर्ममता का ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पहले दिल्ली में भी सामने आया था. शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल ने महिला के नवजात जुड़वां बच्चों को मरा हुआ बता दिया था, सामान की तरह उनके शरीर को लिफाफे में भरकर परिवार को सौंप दिया. जबकि उनमें से एक बच्चा सांसें ले रहा था.

परिवार के आरोपों के बाद मैक्स अस्पताल के खिलाफ जांच बिठा दी गई. इस बीच दूसरे बच्चे की मौत ने परिवार को और तोड़ दिया है. दिल्ली सरकार ने इसमें कड़ी कार्रवाई की बात कही है. वहीं, अपने दोनों बच्चों को खोने वाले आशीष भी अस्पताल और उसके डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं.