केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 20 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) के एक अंतरिम समाधान पेशेवर अधिकारी (इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल) समेत दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के समय यह लोग मांगी गई 20 लाख रुपए की रकम में से ₹2 लाख की रिश्वत बतौर किस्त ले रहे थे.


सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल मुंबई के सुब्रत मेती तथा नवी मुंबई के आरजे ज्वेलर्स के प्रोपराइटर रुचित तनका और आशीष सोमानी शामिल है. 


कितनी मांगी जा रही रिश्वत ? 


सीबीआई के मुताबिक इस मामले में शिकायतकर्ता ने सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत दी थी कि शिकायतकर्ता की कंपनी के एनसीएलटी मामले को निपटाने के लिए एनसीएलटी के एक आंतरिक प्रोफेशनल द्वारा 20 लाख रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है. यह भी आरोप है कि एनसीएलटी के इस अधिकारी द्वारा कहा गया कि इसमें से पहली किस्त ₹200000 लेगा और इस किस्त को लेने के लिए उसके पास एक प्राइवेट आदमी आएगा.


आरोप के मुताबिक शिकायतकर्ता से कहा गया कि रिश्वत की यह राशि लेने के लिए यह प्राइवेट आदमी उसकी पुणे स्थित कंपनी पर आएगा. शिकायत के आधार पर सीबीआई ने मामले की आरंभिक जांच की. इस जांच के दौरान महत्वपूर्ण तथ्य पाए जाने पर सीबीआई ने एनसीएलटी के इस अधिकारी समेत अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया. 


सीबीआई ने जाल बिछाकर किया गिरफ्तार


इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाकर दो लाख रुपए का आंशिक भुगतान ले रहे लोगों को गिरफ्तार किया. जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया वे मुंबई की एक जौहरी फर्म के मालिक और उसके सहयोगी थे. बाद में सीबीआई ने इस मामले में एनसीएलटी के उक्त अधिकारी को भी गिरफ्तार कर लिया.


गिरफ्तारी के फौरन बाद इन सभी के ठिकानों पर छापेमारी की गई इस छापेमारी के दौरान अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज तथा अन्य सामान बरामद हुआ है सीबीआई इन तीनों को मुंबई की विशेष अदालत के सामने पेश करेगी मामले की जांच जारी है. 


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