दिल्ली में बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश, खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के तीन सदस्य गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव की टीम को एक गुप्त सूचना मिली थी जिसमें पता चला था कि खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के आतंकी दिल्ली और आसपास के इलाकों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना चाहते हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने राजधानी दिल्ली में एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट से जुडे 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.
ये लोग दिल्ली और विदेश में बैठे अपने आकाओं और आईएसआई के इशारे पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना चाहते थे. इनके पास से पिस्तौल और गोलियां भी बरामद की गई हैं. इनमें से एक आतंकी हाफिज सईद के करीबी कहे जाने वाले गोपाल सिंह चावला के संपर्क में भी था.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव की टीम को एक गुप्त सूचना मिली थी जिसमें पता चला था कि खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के आतंकी दिल्ली और आसपास के इलाकों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना चाहते हैं.
सूचना के आधार पर डीसीपी संजीव यादव की टीम ने राजधानी दिल्ली के हस्तसाल इलाके में मोहिंदर सिंह नाम के शख्स को हिरासत में लिया और तलाशी के दौरान उसके पास से एक पिस्तौल बरामद हुई पूछताछ के दौरान मोहिंदर सिंह ने बताया कि वह जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है और आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा हुआ है.
मोहिंदर से पूछताछ के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने गुरतेज सिंह और लवप्रीत सिंह को भी पंजाब से गिरफ्तार किय . इन तीनों से पूछताछ के दौरान पता चला कि लोग केएलएफ संगठन से जुड़े हुए हैं और आईएसआई और अपने आकाओं के कहने पर दिल्ली एनसीआर में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में थे .
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक गुरतेज सिंह का जन्म साल 1979 में असम में हुआ था और उसके पिता सेना में सूबेदार थे. गुरतेज सिंह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के हैंडलर अब्दुल्ला और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के अवतार सिंह पन्नू के संपर्क में था. इसके अलावा वह हाफिज सईद के करीबी माने जाने वाले गोपाल सिंह चावला के संपर्क में भी था जो पाकिस्तान में है और खालिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को देखता है.
पूछताछ के दौरान गुरतेज सिंह ने बताया कि अपने आकाओं के कहने पर इन लोगों ने कुछ नेताओं की हत्या की योजना बनाई थी इनमें अमृतसर के शिवसेना के एक नेता और आतंकी जगतार सिंह हवारा को थप्पड़ मारने वाला एक व्यक्ति भी शामिल था. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि आईएसआई के उसके हैंडलर अब्दुल्ला ने उसे आतंकी वारदातों के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजने के लिए कहा था. साथ ही उसने यह आश्वासन भी दिया था कि जो लोग पाकिस्तान से आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस लौटेंगे उन सभी लोगों को एके-47 और तीन-तीन पिस्तौले दी जाएंगी.
गुरतेज सिंह ने लवप्रीत सिंह और कुछ अन्य लोगों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण के लिए राजी भी कर लिया था. इन लोगों ने तरनतारन क्षेत्र से सीमा पार करने की योजना भी बना ली थी. यह भी तय हो चुका था कि सीमा पार करने के बाद आईएसआई एजेंट अब्दुल्लाह पाकिस्तान में पेशावर के पास आईएसआई केंद्र में इन लोगों को आतंकी ट्रेनिंग दिलवा देगा लेकिन लॉकडाउन होने के कारण इस योजना को अमल में नहीं लाया जा सका.
डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि मोहिंदर पाल सिंह भी विदेश में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में था इनमें मुख्य तौर पर खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट का गुरु शरण वीर सिंह था. इन लोगों ने खालिस्तानी नेताओं के इशारे पर टारगेट किलिंग को अंजाम देने की योजना भी बनाई थी. इस योजना के लिए इन लोगों ने लगभग 6 महीने पहले एक नया सिम कार्ड और एक नया मोबाइल फोन लिया था.
डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि तीसरे आरोपी लवप्रीत सिंह उर्फ लवली ने शुरुआती दौर में कंप्यूटर की मरम्मत की दुकान पर काम किया था और वर्तमान में वह घरों में सीसीटीवी कैमरे लगा रहा था. उसका खालिस्तान आंदोलन के प्रति झुकाव 4 साल पहले हुआ था और साल 2017 में उसने अमृतसर के गुरुद्वारा साहिब में बलजीत सिंह और बागीचा सिंह से मुलाकात की थी. यह दोनों इक्कीस सदस्यीय हवारा समिति के हिस्सा बताए जाते हैं.
डीसीपी के मुताबिक इन लोगों ने उसे खालिस्तान समर्थक रैलियों में बुलाया जहां उसकी मुलाकात गुरतेज सिंह से हुई गुरतेज सिंह ने उसे जगतार सिंह हवारा के मार्गदर्शन में खालिस्तान आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उन्हें हथियार प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजने का वादा भी किया. गुरतेज ने बातचीत के दौरान लवप्रीत सिंह को बताया था कि उसके संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी है और 15 दिनों के प्रशिक्षण के लिए उन्हें पाकिस्तान भेजा जाएगा.
जांच के दौरान पता चला कि लवप्रीत सिंह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी बहुत अधिक सक्रिय है और इसी माध्यम से उसने विदेशों में बैठे खालिस्तानी नेताओं से भी संपर्क बनाया हुआ था, यहां तक कि उसने खालसा बेंद्री वाला जी नाम से जो फेसबुक पेज बनाया है उस पर अपना नाम लवप्रीत सिंह 1984 और लवप्रीत सिंह खालिस्तानी लिखा हुआ है. इन लोगों से पूछताछ के आधार पर उनके अन्य संबंधों की तलाश की जा रही है.
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