पटना: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनुसूचित जाति-जनजाति व अति पिछड़ा समुदाय के लोगों को लुभाने के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा दांव चला है. सरकार के नए फैसले के अनुसार अब इंदिरा आवास के तहत लाभुकों को पचास हजार रुपये अधिक मिलेंगे. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने बताया कि ऐसे कुछ लाभार्थियों की संख्या लगभग 80 हजार है. इन 80 हजार लाभुकों में ज्यादा संख्या अनुसचित जाति-जनजाति व अतिपिछड़ा समुदाय के लोगों की है.


माना यह जा रहा है कि अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को लुभाने के लिए सरकार ने एक और बड़ा दांव चल दिया है. इससे पहले भी सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों की हत्या होने पर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया है. राज्य सरकार ने इस फैसले का खूब प्रचार भी किया. अब इसके बाद अनुसूचित जाति जनजाति समुदाय के लोगों के लिए सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है.


दरअसल, शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2010 के पहले इंदिरा आवास योजना के अनुसूचित जाति-जनजाति व अतिपिछड़ा समुदाय के वैसे लोग जिनका आवास अधूरा रह गया है, उन्हें आवास का काम पूरा करने के लिए 50 हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे.


राज्य के सभी वैसे आवासहीन सुयोग्य परिवार जिनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में नहीं है, उनके लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 1 लाख 20 हजार रुपये देने का प्रावधान है. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें जमीन बनाने के लिए भी 60 हजार रुपये अलग से दिए जाएंगे.


इसके अलावा राज्य सरकार का दावा है कि कोरोना काल के दौरान सरकार की तरफ से हर एक गरीब परिवार को 3 से 4 हजार रुपये दिए गए हैं. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक बिहार की 2.38 करोड़ महिलाओं के खाते में 3,545 करोड़ रुपये जबकि 1.60 करोड़ राशन कार्ड धारियों के खाते में 1600 करोड़ रुपये भेजे गए.


बता दें कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. उम्मीद है कि जल्द ही चुनाव आयोग तारीखों का एलान भी करेगा, जिसके मद्देनजर राज्य सरकार नई योजनाओं का शिलान्यास कर रही है.