बिहार: लालू का कोई तीसरा बेटा नहीं है बल्कि तेजस्वी ही तरुण है. आरजेडी नेता और लालू परिवार के बेहद करीबी भोला यादव ने कहा कि तेजस्वी ही तरुण हैं. बिहार सरकार के मंत्री जिस संपत्ति का जिक्र कर रहे हैं, एक भी बेनामी संपत्ति नहीं है. 2015 लोकसभा चुनावों में 1996 से लेकर अबतक सभी का ब्यौरा सीबीआई, इनकम टैक्स या चुनाव आयोग के रिटर्न में दर्शाया गया है. उन्होंने कहा कि नीरज कुमार कोई प्रवक्ता नहीं बल्कि बिहार सरकार में मंत्री हैं और उनका बयान सरकार का बयान माना जाता है. जिस मंत्री को इतनी भी जानकारी नहीं, उसे मंत्री पद पर रहने की आवश्यकता नहीं. उन्होंने सरकार से नीरज कुमार को तत्काल ड्रॉप करने की मांग की या फिर उन्हें तत्काल माफी मांगने को कहा.


भोला यादव ने कहा कि जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी गई है, उसके बालिग होने तक उसका मालिक खरीदार को ही माना जाता है. ये बात अगर सरकार के मंत्री को मालूम नहीं है तो ऐसे मंत्री पर लानत है. उन्होंने कहा कि हिन्दू अन डीवाइडेड फैमली एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति अपने अज्ञात सोर्स ऑफ इनकम से अपने माता पिता, भाई बहन, बेटे बेटी, पत्नी के नाम से संपत्ति खरीद सकता है. और अगर वो नाबालिग है तो उसके बालिग होने तक संपत्ति का मालिक खरीदने वाला व्यक्ति होता है.


दरअसल सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू परिवार द्वारा नौकरी के बदले जमीन लिखवाए जाने का आरोप लगाया था. जिसमें तेजप्रताप के साथ गुमनाम पुत्र तरुण कुमार यादव के रजिस्ट्री करवाए जाने के मामलों को लेकर कहा था कि अगर उनका आरोप गलत है, तो तेजस्वी यादव को चाहिए कि उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करें. उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो राष्ट्रीय जनता दल यह बताए कि तरुण यादव कौन है, कहां हैं? इनके नाम से संपत्ति खरीदने का उद्देश्य क्या था? और जैसा कि तेजस्वी यादव खुद के तरुण कुमार यादव होने का दावा करते हैं तो तेजप्रताप और तरुण कुमार यादव के नाम से 1993 में रजिस्ट्री करवाई गई. फुलवरिया की 2 संपत्तियों में से एक खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-955 का जिक्र तो 2015 विधानसभा के अपने चुनावी हलफनामे में करते हैं पर दूसरी जमीन जिसका खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-891 रकबा-6 कट्ठा है इसका जिक्र नहीं किया.


यहां सवाल यह भी बनता है कि तरुण कुमार के नाम निबंधित जमीन को बिना संपत्ति हस्तांतरित किए हुए तेजस्वी यादव ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति होने का जिक्र कैसे किया? उन्होंने कहा कि इसमें सबसे मजेदार बात तो यह है कि तेजप्रताप ने भी अपने चुनावी हलफनामे में खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-955 का जिक्र किया, लेकिन तेजस्वी की तरह उन्होंने भी दूसरी जमीन जिसका खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-891 रकबा-6 कट्ठा है इसको छुपा लिया. तेजप्रताप और तरुण यादव के नाबालिग रहते बिना अभिभावक के रजिस्ट्री करवाई गई. दोनों जमीन में से एक का जिक्र तो तेजप्रताप और तेजस्वी यादव अपने चुनावी हलफनामे में करते हैं और दूसरी को छुपा लेते हैं, आखिर क्यों ?


उन्होंने पूछा कि नेता प्रतिपक्ष बताएं कि चुनाव आयोग से संपत्ति छुपाने का गुनाह उन्होंने साजिशन जानबूझकर किया था या फिर उनके माता पिता ने इस संपत्ति की जानकारी उन्हें नहीं होने दी. अगर उनके माता पिता ने इस संपत्ति को दोनों भाइयों से छुपाया है तो उद्देश्य साफ है कि उनकी मंशा जमीन को तरुण कुमार यादव को ही देने की रही होगी जो कि गुमनाम तरुण कुमार यादव के वजूद की पुष्टि करता है.


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