Jai Siya Ram Row: 'राहुल गांधी को राम से क्या मतलब वे झूठे रामभक्त हैं', सुशील मोदी बोले- बदरुद्दीन अजमल को जेल में डालें
Sushil Modi News: राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने असम के मुस्लिम नेता बदरुद्दीन अजमल के विवादित बयान पर भी पलटवार किया है.
Sushil Modi On Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के सियाराम (Siya Ram) वाले बयान पर बीजेपी (BJP) नेता भड़के हुए हैं. लगभग सभी बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी को निशाने पर लिया हुआ है. अब बिहार बीजेपी के नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने इस बयान को लेकर राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने शनिवार (3 दिसंबर) को कहा कि राहुल गांधी को राम से क्या मतलब है, राहुल झूठे रामभक्त हैं. जय सियाराम और जय श्री राम में कोई फर्क नहीं है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (2 दिसंबर) को मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बीजेपी-आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी-आरएसएस वाले जय श्री राम बोलते हैं, लेकिन जय सियाराम नहीं बोलते क्योंकि वे महिलाओं को सम्मान नहीं देते हैं. राहुल गांधी ने कहा था कि वह एक पंडित से मिले जिन्होंने उन्हें 'हे राम', 'जय सिया राम' और 'जय श्री राम' का मतलब बताया. राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस के दोस्तों से मेरा अनुरोध है कि ये तीनों नारे लगाएं और सीता जी का अपमान न करें.
अजमल के बयान पर भड़के सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने असम के मुस्लिम नेता और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल के विवादित बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने कहा कि बदरुद्दीन अजमल जैसे लोगों पर देशद्रोह का केस लगाकर जेल में डाल देना चाहिए. मैं असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से अनुरोध करुंगा कि ऐसे व्यक्ति पर देशद्रोह लगाकर जेल में डालें.
क्या कहा था बदरुद्दीन अजमल ने?
दरअसल, बदरुद्दीन अजमल ने असम में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि हिंदू 40 साल से पहले गैरकानूनी तरीके से 2-3 बीवियां रखते हैं. 40 साल के बाद उनमें बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती है. उनको मुसलमानों के फॉर्मूले को अपनाकर अपने बच्चों की 18-20 साल की उम्र में शादी करा देनी चाहिए.
बयान पर जताया खेद
बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) ने शनिवार (3 दिसंबर) को अपने बयान पर खेद भी जताया है. उन्होंने कहा कि अगर मेरे शब्दों से किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. मैं केवल इतना चाहता हूं कि सरकार अल्पसंख्यकों के साथ न्याय करे और उन्हें शिक्षा और रोजगार दे.
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