इस बार सभी राज्यों में सबसे फिसड्डी बोर्ड साबित हुआ बिहार बोर्ड, 62 फीसदी बच्चे फेल
पटना: बिहार बोर्ड की 12वीं की परीक्षा देने वाले 12 लाख में करीब 8 लाख छात्र फेल हो गए हैं. सरकार का दावा है कि सरकार ने इस बार नकल रोकने के लिए खास इंतजाम किए थे, जिसका असर नतीजों में दिख रहा है. इस साल जितने भी राज्यों में 12वीं के रिजल्ट घोषित हुए हैं, उनमें सबसे खराब प्रदर्शन बिहार बोर्ड का रहा है.
देश में सबसे खराब बिहार बोर्ड का रिजल्ट
बिहार बोर्ड की साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों स्ट्रीम को मिलाकर सिर्फ 36 फीसदी छात्र ही परीक्षा में पास हुए हैं. इस साल बिहार में 12वीं की बोर्ड परीक्षा में कुल 12 लाख 40 हजार 168 छात्रों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से 4 लाख 40 हजार 158 छात्र पास हुए और 7 लाख 94 हजार 622 छात्र फेल हुए.
- बिहार में साइंस के 30 फीसदी छात्र पास हुए हैं.
- आर्ट्स में 37 फीसदी छात्र पास हुए हैं.
- कॉमर्स में सबसे ज्यादा 74 फीसदी छात्रों को सफलता मिली है.
पिछले साल
- बिहार में पिछले साल साइंस में 67 फीसदी.
- आर्ट्स में 57 फीसदी.
- कॉमर्स में 81 फीसदी छात्र पास हुए थे.
बिहार स्कूल एजुकेशन बोर्ड ने खराब नतीजों की समीक्षा की बात कही है. 12वीं की परीक्षा में खराब नतीजों को लेकर विपक्षी दलों ने बिहार में अच्छी पढ़ाई को लेकर सवाल उठाए हैं, वहीं सरकार निष्पक्ष परिणाम की बात कहकर अपनी पीठ थपथपा रही है.
पिछली बार सरकार की हुई थी जबरदस्त किरकरी
दरअसल पिछली बार के 12वीं के नतीजों की वजह से सरकार की बहुत बदनामी हुई थी. इसमें कई छात्र-छात्राएं टॉप तो कर गए थे लेकिन अपनी मेहनत के दम पर नहीं बल्कि नकल की वजह से. नतीजों के बाद इनकी जल्द ही पोल भी खुली और इन्हें जेल भी जाना पड़ा.
खुशबू कुमारी ने किया टॉप
आपको बता दें कि बिहार बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में सिमुलतल्ला विद्यालय की छात्रा खुशबू कुमारी ने साइंस स्ट्रीम में 86% नंबरों के साथ ही पूरे राज्य में पहला स्थान हासिल किया है. दूसरे स्थान पर आर्ट्स में टॉप करने वाले गणेश कुमार हैं, जिन्हें 83% फीसदी नंबर मिले हैं. कॉमर्स में टॉप करने वाले प्रियांशु जायसवाल ने 81% अंक के साथ राज्य में तीसरा स्थान हासिल किया है.
बिहार में पिछले साल के टॉपर घोटाले की घटना से सबक लेते हुए सरकार ने इस बार नकल रोकने के लिए सख्ती बरती थी. आन्सर शीट में कोडिंग का इस्तेमाल किया गया था. और परीक्षा केंद्रों की वीडियोग्राफी कराई थी, जिससे परीक्षा के नतीजों में भारी गिरावट आई है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या नकल के सहारे ही बिहार के बच्चे अच्छा रिजल्ट लाते रहे हैं?
बिहार बोर्ड
बिहार बोर्ड भारत के सबसे पुराने बोर्ड्स में से एक है. बिहार बोर्ड का मुख्यालय पटना में मौजूद है. बिहार बोर्ड सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी लेवल की परीक्षाएं आयोजित कराता है. पिछले साल इस बोर्ड को टॉपर घोटाले मामले को लेकर काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी.