BSPC Paper Leak मामले में बड़ी कार्रवाई, आरा के एग्जाम सेंटर पर तैनात BDO, कॉलेज प्रिंसिपल समेत 4 गिरफ्तार
BSPC Paper Leak: बीसीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने मंगलवार को आरा के एग्जाम सेंटर पर तैनात मजिस्ट्रेट, कॉलेज के प्रिंसिपल, एग्जाम कंट्रोलर और सहायक एग्जाम कंट्रोलर को गिरफ्तार कर लिया है.
BPSC PT के प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने मंगलवार को आरा के एग्जाम सेंटर पर तैनात BDO, कॉलेज के प्रिंसिपल, एग्जाम कंट्रोलर और सहायक एग्जाम कंट्रोलर को गिरफ्तार कर लिया है. इन सभी को जांच के लिए पटना ले जाया गया है. बीडीओ जयवर्धन गुप्ता को वीर कुंवर सिंह कॉलेज में परीक्षा केंद्र मजिस्ट्रेट बनाया गया था. इसी परीक्षा केंद्र पर सबसे ज्यादा धांधली की खबर आई थी.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने रविवार को हुई सिविल सेवा (प्रारंभिक) की परीक्षा का प्रश्न पत्र ‘लीक’ होने के बाद परीक्षा रद्द कर दी थी. दोपहर में एग्जाम शुरू होने से कुछ मिनट पहले प्रश्न पत्रों के एक सेट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. बीपीएससी के सचिव जीत सिंह ने कहा था कि पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है और तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है. भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में परीक्षा केंद्रों में से एक वीर कुंवर सिंह कॉलेज में परीक्षार्थियों ने कई आरोप लगाए. युवकों और युवतियों ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा किया कि कुछ उम्मीदवारों को अलग कर दिया गया और एक अलग कमरे के अंदर अपने प्रश्नपत्र हल करने की अनुमति दी गई और वहां मोबाइल फोन ले जाने की भी अनुमति दी गई.
भोजपुर के जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों को शांत कराया. कुशवाहा ने कहा, उम्मीदवारों को लिखित में अपनी शिकायत देने को कहा गया है. हम इन्हें बीपीएससी को सौंप देंगे जो आगे कोई कार्रवाई कर सकती है. परीक्षा में बैठने वाले पांच लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए राज्य भर में 1,000 से ज्यादा केंद्र बनाए गए थे. एक छात्र ने कहा, यही कह सकता हूं कि यह मनोबल गिराने वाला है. परीक्षा दिसंबर में होनी थी, लेकिन पंचायत चुनाव के कारण स्थगित कर दी गई. अब इसमें और देरी होने वाली है.
वहीं बिहार में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, बीपीएससी में गड़बड़ी हुई है, यह कोई अच्छी खबर नहीं है. कुछ भी कहने को बचा नहीं है. अब समय गया है कि लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर ‘लीक आयोग’ कर दिया जाए. परीक्षाएं शायद ही समय पर होती हैं और जब ये आयोजित कराई जाती हैं, तो और देरी अनियमितताओं के नाम पर होती है.