बिहार के छपरा शराबकांड का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, दिल्ली में क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा
Bihar Poisonous Liquor case: बिहार के छपरा शराब कांड के मास्टरमाइंड को दबोच लिया गया है. इस कांड में राम बाबू नाम का व्यवसायी मास्टरमाइंड बताया गया है, जिसे आज दिल्ली में क्राइम ब्रांच ने पकड़ा.
Chhapra Hooch Tragedy Mastermind: बिहार के छपरा के जहरीली शराब कांड (Bihar Poisonous Liquor) के मास्टरमाइंड को दिल्ली में दबोच लिया गया है. कथित मास्टरमाइंड राम बाबू की पुलिस को कई दिनों से तलाश थी. वह बिहार (Bihar) से भागकर दिल्ली में छिपा था, जहां दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच की ओर से यह जानकारी दी गई है.
बताते चलें कि छपरा में शराब पीने से लगभग 77 लोगों की जान चली गई थी. वहीं, शराब पीने वाले बहुत से अन्य लोगों की हालत कई दिनों तक खराब रही. इस मामले की जांच में सामने आया कि जो शराब लोगों ने पी, वो जहरीली थी. उसे चोरी-छिपे खरीदा-बेचा जाता था. लोगों की मौत होने पर सरकार सवालों के घेरे में थी. इस मामले में बिहार पुलिस ने राज्य के ही कई स्थानों से कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
केमिकल डालकर शराब बनाने का आरोप
जांच में खुलासा हुआ कि इस जहरीली शराबकांड (Chhapra Hooch Tragedy) का मास्टरमाइंड राम बाबू है. राम बाबू पर केमिकल डालकर शराब बनाने का आरोप है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी. वह अब दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.
अब तक दंश झेल रहे लोग
छपरा जहरीली शराबकांड का दुष्प्रभाव लोग अब तक झेल रहे हैं. यहां शराब पीने से कई लोगों के आंखों की रोशनी भी चली गई थी. जहरीली शराब के कारण छपरा जिले के मशरक, इसुआपुर, अमनौर और मढ़ौरा प्रखंड क्षेत्र में हाहाकार मच गया था. हफ्तेभर में जगह-जगह मौतें हुईं. कुछ ही दिनों में मौत का आंकड़ा 10 से बढ़कर 20 और फिर 70 के पार जा पहुंचा. एबीपी न्यूज नेटवर्क की खबरों के मुताबिक, 13 दिसंबर की रात को इसुआपुर के डोईला गांव में आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की तबीयत खराब होने की बात सामने आई. तब रात से लेकर 14 दिसंबर की सुबह तक एक-एक कर 7 लोगों ने दम तोड़ दिया. बाद में पता चला कि सबकी मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हुई.
मामला बिहार विधानसभा में गूंजा
जहरीली शराब के कारण अमनौर के हुस्सेपुर में भी कुछ लोगों ने दम तोड़ा. इसके अलावा मढ़ौरा के लाला टोला में भी एक शख्स के मरने की बात सामने आई. बड़ी संख्या में पीडितों के पहुंचने पर सदर अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से कहा गया कि कई लोगों की जानें गई हैं. उसकी वजह मादक पदार्थ या नकली शराब पीना हो सकता है. वहीं, बाद में यह मामला विधानसभा में गूंजा.
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