Supreme Court On Chappra: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत की घटना की SIT जांच और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग पर तुरंत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया है. आर्यवर्त महासभा फाउंडेशन नाम के NGO ने इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति बनाने की भी मांग की है. वहीं जनवरी 2023 में सुनवाई के लिए ये मामला लग सकता है.


दरअसल, छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत की संख्या बढ़कर 49 हो गई है. वहीं इस मामले में 123 लोगों को हिरासत में और 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. छपरा मामले में विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है और 49 मौत का जिम्मेदार नीतीश कुमार और बिहार सरकार को ठहरा रहा है. विपक्ष ने मामले पर गुस्सा व्यक्त करते हुए सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की है. 


जो नकली पीएगा वो मरेगा ही- नीतीश कुमार


वहीं, नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक सुर में विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए कह रहे हैं कि गलत काम का गलत नतीजा है. सीएम नीतीश ने खुले शब्दों में कहा कि जो नकली शराब पीएगा वो मरेगा ही. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में सामाजिक अभियान चलाने के बावजूद लोग शराब पीना नहीं छोड़ पा रहे.


जब शराब बंद है तो नकली मिल कैसे रही- तेजस्वी यादवा


वहीं तेजस्वी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी है लेकिन लोग जहरीली शराब पी कर मर रहे हैं. जब शराब यहां बंद है तो यहां मिल कैसे रही है? वहीं विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए तेजस्वी ने कहा कि, इन्हें बोलने दिजिए. इनका सब कुछ हाई कमांड ही देखा है. 


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