Bihar Politics: आगामी लोकसभा चुनाव होने में अब महज डेढ़ साल का वक्त बचा है. ऐसे में सभी पार्टियों ने चुनाव को देखते हुए तौयारी शुरू कर दी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के पूरा होने के बाद समान विचारधारा वाले दलों की बैठक का 'इंतजार' कर रहे हैं.


बिहार में कांग्रेस जद (यू) की जूनियर है और सरकार में एक सहयोगी के रूप में है. सीएम नीतीश ने भारत जोड़ो यात्रा को पार्टी का निजी कार्यक्रम बताया, लेकिन सभी को लोकसभा में सहयोग करने के लिए कहा. 'महागठबंधन' में सात घटक दल हैं. राष्ट्रीय जनता दल भी महागठबंधन में शामिल है. 


कुशवाहा पर कार्रवाई नहीं करना चाहेगी JDU
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जद (यू) अपने नाराज संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पर कार्रवाई नहीं करना चाहेगी. उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी के "कमजोर" होने के दावे को नीतीश कुमार ने खारिज कर दिया. नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा, "मैं यात्रा के समाप्त होने और विपक्षी दलों (भाजपा के विरोध में) की बैठक बुलाए जाने का इंतजार कर रहा हूं. वहां, बैठक में हम लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करेंगे, जो अब दूर नहीं है." 


एनडीए के पूर्व सहयोगी, नीतीश कुमार पर बीजेपी की ओर से आरोप लगाया गया कि वह अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोगों के जनादेश के साथ विश्वासघात कर रहे थे.


आजेडी-कांग्रेस से मिलाया हाथ 
बता दें कि पिछले साल अगस्त में नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद जद (यू) ने आजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई. बीजेपी से गठबंधन तोड़े जाने के बाद भगवा पार्टी ने आरोप लगाया कि था कि वह अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोगों के जनादेश के साथ विश्वासघात कर रहे थे.


कुशवाहा के बारे में पूछे जाने पर, सीएम नीतीश ने कहा, "वह जानते थे कि हमने विधानसभा चुनावों में केवल 43 सीटें जीती हैं. अगर चीजें उन्हें इतनी निराशाजनक लग रही थीं तो उन्हें वापस नहीं लौटना चाहिए था. उन्हें याद रखना चाहिए कि उनकी पार्टी में वापसी हुई है." 


कुशवाहा की वापसी के पक्ष में नहीं थे लोग
सीएम नीतीश ने कहा, ''उनको मेरे कहने के बाद पार्टी में वापस लिया गया था क्योंकि पार्टी में कई लोग उन्हें वापस लेने के पक्ष में नहीं थे.'' सीएम ने कहा, "2020 के विधानसभा चुनावों में हमारी संख्या कम हो गई क्योंकि हमारे तत्कालीन सहयोगी (बीजेपी) ने हमारा बिल्कुल भी समर्थन नहीं किया."


जद (यू) ने तत्कालीन लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की मदद से बीजेपी द्वारा रची गई एक 'साजिश' पर अपनी हार का आरोप लगाया था, जिन्होंने (चिराग ने) उन सभी सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, जहां कुमार की पार्टी चुनाव लड़ रही थी और कई भगवा पार्टी के बागियों को टिकट दिया गया था. कुमार ने कहा, ''कुशवाहा को याद रखना चाहिए कि इस पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है. वह विधानसभा और राज्यसभा में अपने पिछले कार्यकाल और विधान परिषद की वर्तमान सदस्यता के लिए जद (यू) के ऋणी हैं.''


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