नई दिल्ली: बिहार बोर्ड की बारहवीं के खराब नतीजों को लेकर नीतीश कुमार सरकार एक्शन में आ गई है. फेल छात्र और कम नंबर पाने वाले छात्रों की दोबारा कॉपियों की जांच के आदेश दिए गए हैं. नीतीश कुमार ने शिक्षा सचिव की भी छुट्टी कर दी है. इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट बैठक बुलाई और शिक्षा मंत्री को फटकार लगाई और मौजूदा शिक्षा व्यवस्था के लिए एक्शन प्लान बनाने की बात कही.
बिहार सरकार अब क्या कर रही है?
एक्शन में आयी नीतीश सरकार ने आनन फानन में कुछ कदम उठाए हैं. खराब नंबर पाने वाले छात्र दोबारा जांच के लिए तीन से बारह जून तक आवेदन कर सकते हैं. क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ छात्र ऑनलाइन भी फॉर्म भर सकते हैं. जिस विषय में कम नंबर आए हैं उस विषय की कॉपी की दोबारा जांच के लिए 120 रुपये फीस देगी. इसके अलावा जुलाई के पहले हफ्ते में कंपार्टमेंटल परीक्षा भी आयोजित की जाएगी. एक महीने के अंदर कंपार्टमेंटल परीक्षा के नतीजे भी आ जाएंगे.
रिजल्ट पर विपक्ष साध रहा है निशाना
जानकारों के मुताबिक बिहार में पढ़ाने वाले लोग पढ़ाने लायक ही नहीं हैं. विपक्ष ने भी खराब शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष इस असफलता के लिए सीधे सीधे नीतीश कुमार को दोषी मान रहा है. विपक्ष का कहना है कि नीतीश को जहां काम करना चाहिए था वहीं वो काम करने में फेल हुए हैं.
क्यों मचा है बिहार में रिजल्ट पर बवाल?
100 में से 60 नंबर आने पर फर्स्ट डिवीजन मिलती है लेकिन बिहार में बारहवीं के रिजल्ट में 65 परसेंट बच्चे फेल हुए हैं. इस साल 12 लाख 40 हजार 168 बच्चों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित परीक्षा दी थी. 7 लाख 54 हजार 622 बच्चे फेल हो गए. साइंस में 70 परसेंट, आर्ट्स में 61 परसेंट बच्चे फेल हुए. किस्मत उनकी ठीक रही जिन्होंने कॉमर्स चुना था. सिर्फ 25 परसेंट बच्चे फेल हुए.
रिजल्ट के बाद साढ़े लाख परिवारों में कोहराम मचा हुआ है. जहां देश के बाकी बच्चे 99 परसेंट तक नंबर ला रहे हैं वहां साढ़े सात लाख बच्चों को पास होने के लिए 30 परसेंट नंबर तक नसीब में नहीं हैं. फेल होने वाले बच्चे नीतीश कुमार से सवाल पूछ रहे हैं लेकिन 12 साल से बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पास जवाब नहीं.
रिजल्ट के खिलाफ बिहार की सड़कों पर आक्रोश
बिहार बोर्ड के खराब नतीजों से छात्रों में आक्रोश है, छात्र सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कल बिहार के बक्सर जिले में एक छात्रा ने फेल होने पर ट्रेन के सामने कूदकर खुदकुशी कर ली थी वहीं कैमूर जिले में एक छात्रा की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. अब सरकार खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों और अध्यापकों पर कार्रवाई बात कह रही है.