नई दिल्ली: महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर बिहार सरकार रोज बड़े समारोह कर रही है लेकिन गांधी के नाम पर होने वाले ये कार्यक्रम राजनीति का मंच बनते जा रहे हैं. बिहार के मोतीहारी में नीतीश कुमार की पदयात्रा के दौरान ये नारे लगने लगे कि 2019 का पीएम नीतीश कुमार जैसा हो - सवाल है कि क्या गांधी के बहाने नीतीश खुद अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं?
देश का दूसरा गांधी कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो, देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो, 2019 का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो, 2019 का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो...आगे आगे समर्थक ये नारे लगा रहे थे औऱ पीछे पीछे नीतीश कुमार महात्मा गांधी के नाम पर पदयात्रा कर रहे थे. करीब 7 किलोमीटर की पदयात्रा चंपारण सत्याग्रह समारोह के तहत निकाली गई लेकिन यहां पर जिस तरह नीतीश कुमार की मौजूदगी में उन्हें पीएम बनाने के नारे लगे उससे साफ है कि नीतीश की नजर कहां हैं?
गांधी के नाम पर नीतीश के इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान की काट के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल नीतीश लगातार बीजेपी विरोधी पार्टियों का महागठबंधन बनाने की वकालत कर रहे हैं, जाहिर है इसका मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को टक्कर देना है. लेकिन सवाल है कि मोदी को टक्कर देने वाले ऐसे किसी संयुक्त मोर्चे का नेता कौन होगा? नीतीश इस रेस में सबसे आगे माने जाते हैं.
नीतीश समर्थकों की ये नारेबाजी उनके मिशन 2019 की एक झलक भर है. हालांकि उसके लिए पहले तो वैसे किसी गठबंधन का बनना जरूरी है और फिर उस गठबंधन के नेता के नाम पर सबकी सहमति होना यानी मंजिल दूर है लेकिन नीतीश अपने कदम बढ़ा चुके हैं.
2019 की तैयारी में जुट गये हैं नीतीश कुमार?
ABP News Bureau
Updated at:
18 Apr 2017 09:13 PM (IST)
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