बिहारः राम मंदिर से दूर, सीएम नीतीश क्यों मजबूर? क्या है मजबूरी?
5 अगस्त को जिस वक्त अयोध्या में पीएम मोदी समेत तमाम बड़े-छोटे नेता और भक्त भूमिपूजन में व्यस्त थे, उस वक्त नीतीश कुमार बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने हेलीकॉप्टर से निकल गए और इस बारे में ट्वीट कर जानकारी भी दी
पटनाः कई बार खामोशी ज्यादा बोलती है. राजनीति में कुछ ऐसे पल आते हैं जो न उगले जाते हैं न निगले जाते हैं पर सोशल मीडिया कई तरह के भेद खोल देता है. 5 अगस्त को राम मंदिर का भव्य भूमि पूजन हुआ. देश भर में जश्न मनाया गया. देश के हर कोने से बधाई का संदेश आया. इस दिन को ऐतिहासक मान लोग अपने को भाग्यशाली समझ रहे थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ सबकी नजर थी कि आखिर इस दिन को वह किस रूप में देखते हैं.
नीतीश की ओर से राम मंदिर पर नहीं कोई बयान या ट्वीट
5 अगस्त को जिस वक्त अयोध्या में पीएम मोदी समेत तमाम बड़े-छोटे नेता और भक्त भूमिपूजन में व्यस्त थे, उस वक्त नीतीश कुमार बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने हेलीकॉप्टर से निकल गए और इस बारे में ट्वीट कर जानकारी भी दी. दौरे का फोटो भी रिलीज़ किया गया.
शाम में सुशान्त सिंह राजपूत की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग को केंद्र सरकार के द्वारा मान लिए जाने पर धन्यवाद भी दिया गया लेकिन रात बीत जाने के बावजूद राम मंदिर के भूमिपूजन पर कोई सन्देश नहीं आया.
मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया तथा आपदा राहत शिविर में रह रहे लोगों से बातचीत कर वहां उपलब्ध कराई जा रही व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।... (1/2)https://t.co/PklQa3j6pc pic.twitter.com/iUXvRMwInN
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 5, 2020
JDU-BJP नेताओं ने भी दी नपी-तुली प्रतिक्रिया
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने एक दिन पहले राम मंदिर पर लिखा: “हमें विश्वास है, अयोध्या में लंबे विवाद के बाद बनने जा रहा राम मंदिर शांति व सौहार्द की सद्भावना को समृद्ध करने तथा रामकथा के आदर्शों के प्रति जन-जन को प्रेरित करने का सशक्त माध्यम बनेगा. सीता-राम मिथिलावासियों के रोम-रोम में बसते हैं.”
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने ‘रघुपति राघव राजा राम” वाला भजन लिखा, लेकिन मंदिर और भूमि पूजन पर कुछ नहीं. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने एक वीडियो सन्देश जारी कर औपचारिकता पूरी कर दी. उन्होंने कहा “श्री राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास भारतीय इतिहास का एक गौरवशाली पड़ाव है. लगभग 492 वर्षों की प्रतीक्षा एवं पांच दशकों से ज्यादा चली अदालती प्रक्रिया से गुजरने के बाद यह अवसर आया है. निस्संदेह यह पूरी दुनिया के करोड़ों हिन्दुओं के लिए बेहद भावुक क्षण है.”
बिहार बीजेपी के नेताओं ने भी नपे-तुले शब्दों में सन्देश जारी किया. राम जन्मभूमि पर मंदिर के शिलान्यास होने की खुशी में अपने आवास पर दीप जला कर हर्ष व्यक्त करते उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और उनकी धर्मपत्नी की तस्वीर की प्रेस रिलीज भेजी गई.
वहीं, सीएम नीतीश कुमार ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करते हुए तस्वीर रिलीज़ की और साथ ही बाढ़ राहत कैंप में कम्युनिटी किचन का जायज़ा लेने की तस्वीर शेयर की.
नीतीश का अयोध्या न जाना था तय
हालांकि यह साफ नहीं है कि बिहार के सीएम को अयोध्या आने का निमंत्रण मिला था या नहीं, लेकिन नीतीश कुमार नहीं जाएंगे यह तय था. कारण यह भी था कि बाढ़ और कोरोना को लेकर बिहार सरकार की भारी फजीहत हो रही है और ऐसे में वहां जाना ठीक नहीं समझा जाता.
दूसरी तरफ लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट किया. कहा “भगवान राम के पुनः मंदिर निर्माण पर भूमि पूजन सम्पन्न हुआ. समस्त लोगों को ढेर सारी बधाई. भगवान राम के आशीर्वाद से भारत तथा विश्व में प्रेम और शांति रहे यही कामना करता हूँ. आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद.”
तेजस्वी ने साधी चुप्पी
बिहार में इस साल के नवंबर में चुनाव संभावित है. बिहार में मुसलमानों की जनसंख्या करीब 17 फीसदी है. इस वोट पर सबकी नजर रहती है. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर एक्टिव और हर विषय पर बेबाकी से राय देने वाले बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी राम जन्म भूमि मामले में चुप्पी साधे रखी.
हालांकि, तेजस्वी के पूजा-पाठ में आस्था रखने वाले भाई तेज प्रताप यादव ने राहुल गांधी के ट्वीट पर जरुर लिखा: “सियावर रामचन्द्र की जय. पवनसुत हनुमान की जय. हर हर महादेव..”
बात यह भी सामने आई कि बिहार में चुनाव को देखते हुए नेता इस मसले को यूपी का मानकर इसे बिहार में राजनीतिक तूल नहीं देना चाहते.
ये भी पढ़ें
Yogi Adityanath बोले-'एक योगी होने के नाते मैं किसी मस्जिद में नहीं जाउंगा,न कोई मुझे बुलाएगा'