Nitish Kumar On Amit Shah: जेपी नारायण की जयंती पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला. पहले अमित शाह ने नीतीश कुमार पर प्रहार किया तो फिर बिहार के मुख्यमंत्री की तरफ से भी पलटवार किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका नाम लिए बिना कहा, 'जिन लोगों का आजादी की लड़ाई से कुछ मतलब नहीं वह आज जेपी नारायण (JP Narayan) के नेतृत्व में हुए आंदोलन पर बोल रहे हैं. आज कल जो लोग बोल रहे हैं उनकी क्या भूमिका थी स्वतंत्रता के आंदोलन में?'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (11 अक्टूबर) को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी जन्मभूमि सिताब दियारा में कहा कि, "जेपी का नाम लेकर राजनीति में आए लोग अब पांच-पांच बार पाला बदलकर जेपी के सिद्धांतों को दरकिनार कर चुके हैं. आज सत्ता सुख के लिए उसी कांग्रेस की गोदी में बैठ गए हैं."
अमित शाह ने क्या कहा?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने आपातकाल थोपने वाली भ्रष्टाचारी और अन्यायी शासन के विरुद्ध पूरे विपक्ष को एकजुट कर देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनाई. जेपी ने सत्ता से बाहर रहकर परिवर्तन करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण देश के सामने रखा.
उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण और विनोबा भावे के सर्वोदय के सिद्धांत को अंत्योदय के साथ जोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब कल्याण का अभूतपूर्व कार्य कर रहे हैं. साथ ही दावा किया कि देशभर के करोड़ों गरीबों के जीवनस्तर को बेहतर बनाते हुए पीएम मोदी ने उनके संपूर्ण क्रांति के मंत्र को चरितार्थ करने का काम किया है.
जयप्रकाश नारायण को लेकर क्या बोले गृह मंत्री?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जेपी नारायण ने देश की आजादी के लिए क्रांति भी की, महात्मा गांधी के रास्ते पर भी चले और आजादी के बाद एक संन्यासी की भांति सत्ता का परित्याग करते हुए आचार्य विनोबा भावे के सर्वोदय आंदोलन के साथ जुड़कर जीवन भर भूमिहीनों, गरीबों, दलितों एवं पिछड़ों के कल्याण के लिए लड़ते रहे.
उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी जेपी के विचारों से प्रेरणा लेकर देश के विकास को नई गति दे सके इस उद्देश्य से पीएम मोदी ने स्मारक के साथ रिसर्च सेंटर बनाने का भी निर्णय लिया. सेंटर बनने के बाद विद्यार्थी यहां रहकर जेपी के सिद्धांतों और ग्रामीण विकास के लिए किए उनके कार्यों पर शोध कर पाएंगे.
बिहार के सीएम ने किया पलटवार
इस पर नीतीश कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा, "वह 2002 के बाद ही मुख्य धारा में आए हैं, जब वर्तमान प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनका क्या स्टैंड था और वह उससे पहले कहां थे." नीतीश कुमार ने पूछा कि, "वह 1974 में हुए जेपी आंदोलन के बारे में बोलना चाहते हैं, वह इसके बारे में क्या जानते हैं? वह कितने साल के हैं."
नीतीश कुमार अक्सर कहते हैं कि बीजेपी अब वह नहीं है जो अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के समय थी. यही बात दोहराते हुए उन्होंने कहा कि "पिछली पीढ़ी के नेताओं में कई अच्छे गुण थे, लेकिन इन लोगों के लिए कोई सम्मान नहीं है. किसी को, किसी चीज के बारे में कोई जानकारी नहीं."
"स्वतंत्रता की लड़ाई किसने लड़ी?"
उन्होंने जेपी (JP) के साथ अपने घनिष्ठ संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि वह 1974 के आंदोलन की अगुवाई करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं की 14 सदस्यीय समिति का हिस्सा थे और उन लोगों में से थे जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल भेजा गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आगे कहा कि, "स्वतंत्रता की लड़ाई किसने लड़ी? अब वे चीजों को बदलना चाहते हैं. जिन लोगों का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था. यह बापू (महात्मा गांधी) थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया था. सोचो बापू को किसने मारा. इसलिए किसी को उन लोगों के साथ नहीं जुड़ना चाहिए."
यह भी पढ़ें-
Bihar Politics: सुशील कुमार मोदी ने लालू को बताया कौन सी चीज हैं पीएम नरेंद्र मोदी, कहा- मुरई नहीं हैं कि उखाड़ देंगे