गौरक्षा पर नीतीश का बड़ा बयान, 'गाय दूध दे या ना दे, हम उसे बचाएंगे'
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने रक्षा बंधन के अवसर पर पहले की तरह इसबार भी पेड़ को राखी बांधी. उन्होंने कहा कि हम बिहार में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हरसंभव काम करेंगे और इस साल के अंत तक राज्य के हरित क्षेत्र को 15 फीसदी तक ले जाएंगे.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए बीजेपी के साथ सरकार में आने के बाद आज सार्वजनिक कार्यक्रम में गौरक्षा पर जोर दिया. सीएम ने कहा कि गाय दूध दे या ना दे हम तो उसे बचाएंगे और गाय के गोबर और गोमूत्र का भी इस्तेमाल किया जाएगा. नीतीश ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज वक्त बदल गया है..लोग नीड (जरूरत) छोड़ ग्रीड (लालच) के चक्कर में पड़ गए हैं.
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने रक्षा बंधन के अवसर पर पहले की तरह इसबार भी पेड़ को राखी बांधी. उन्होंने कहा कि हम बिहार में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हरसंभव काम करेंगे और इस साल के अंत तक राज्य के हरित क्षेत्र को 15 फीसदी तक ले जाएंगे.
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 7, 2017
नीतीश ने रक्षा बंधन के मौके पर पटना के वीर कुंवर सिंह पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पेड़ को राखी बांधी और पेड़ भी लगाए. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम बिहार में पर्यावरण की सुरक्षा के लिये हरसंभव काम करेंगे. उन्होंने कहा कि आज रक्षा बंधन का दिन है. रक्षा बंधन के अवसर पर साल 2011 से वृक्ष सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. हम पेड़ को राखी बांधते हैं और उसके रक्षा का संकल्प लेते हैं.
सीएम नीतीश ने कहा कि हमारे यहां हरियाली की कमी थी. झारखण्ड के बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण नौ फीसदी से भी कम था. नीतीश ने कहा कि इस विषय पर काफी विचार-विमर्श किया गया कि हम बिहार का हरित क्षेत्र को कितना कर सकते हैं. सभी चीजों के मंथन के बाद यह नतीजा निकला कि इसे हम अधिकतम 17 फीसदी तक ले जा सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुये यह तय किया गया कि साल 2017 तक हम बिहार के हरित क्षेत्र को 15 फीसदी तक ले जाएंगे. इसके लिए हरियाली मिशन का शुभारंभ साल 2011 से किया गया. 24 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. आज हमने इस निर्धारित लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है. इसी तरह आगे हरित क्षेत्र को 17 फीसदी का लक्ष्य भी प्राप्त करेंगे.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि राज्य में पेड़ रक्षा के साथ-साथ मनरेगा कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण का कार्य किया गया. बांध पर और सड़कों के किनारे पेड़ लगाये गये. किसानों को भी अपने खेत के चारों तरफ पेड़ लगाने को कहा गया, इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि शुरू में बिहार में पेड़ लगाने के लिये पौधों की उपलब्धता कम थी. इस तरफ भी ध्यान दिया गया. आज बिहार में लगाने के लिये प्रर्याप्त मात्रा में पौधे उपलब्ध हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने संसाधनों से वृक्षारोपण कार्य का सर्वेक्षण कराएगी. हमें और आगे बढ़ना है.