Bihar Political Crisis: 'आज ही होगा खेला'... बिहार में सियासी उलटफेर की खबरों के बीच चर्चा में ये 5 बयान
Nitish Kumar: नीतीश कुमार के पास नौवीं बार मुख्यमंत्री बनने का मौका है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि वह एक बार फिर एनडीए में शामिल हो सकते हैं.
Bihar Political Crisis: बिहार की सत्ता में एक बार फिर बदलाव होने वाला है. इस बात की पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू और वाम दलों को मिलकर बनाया गया महागठबंधन टूटने वाला है. बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार महागठबंधन से नाता तोड़ने वाले हैं. नीतीश एक बार फिर से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनने वाले हैं. सूत्रों का कहना है कि नीतीश रविवार शाम सीएम पद की शपथ ले सकते हैं.
बिहार में विधानसभा में कुल सीटों की संख्या 243 है. बहुमत का आंकड़ा 122 का है. सूत्रों ने बताया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी के पास 128 विधायकों का समर्थन है. ऐसे में अगर नीतीश महागठबंधन से हटने का फैसला करते हैं, तो उनके लिए दोबारा सीएम बनना मुश्किल नहीं होगा. बिहार में सियासी घटनाक्रम के बीच कई नेताओं ने चौंकाने वाले बयान दिए थे. आइए ऐसे ही पांच बयानों के बारे में जानते हैं, जिनसे नीतीश के महागठबंधन के अलग होने की चर्चा शुरू हुई थी.
'नीतीश को इंडिया में कुछ नहीं मिला'
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इंडिया गठबंधन को स्वार्थ के लिए बनाया गया है. इसमें शामिल सभी दल राजनीतिक स्वार्थ के लिए इकट्ठा हुए. इसका बिखरना तय था. गिरिराज ने आगे कहा कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में कुछ नहीं मिला है. नीतीश के आने से एनडीए को होने वाले फायदे के सवाल पर गिरिराज ने कहा कि मैं पार्टी में समीक्षक नहीं कार्यकर्ता हूं. मैं सिर्फ खुद को पार्टी के काम के साथ जोड़ता हूं.
'राजनीति में दरवाजे बंद नहीं होते'
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी नीतीश की वापसी के संकेत दिए. मीडिया ने जब नीतीश की एनडीए में वापसी को लेकर सवाल किया तो सुशील मोदी ने कहा, 'जहां तक नीतीश कुमार या जेडीयू का सवाल है, राजनीति में दरवाजे कभी भी स्थायी तौर पर बंद नहीं होते हैं. समय आने पर बंद दरवाजे खुलते हैं, लेकिन दरवाजे खुलेंगे या नहीं, यह हमारे केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है.'
'बिहार में होगा खेला'
बिहार में पिछले एक हफ्ते में सियासी रुख बदलने लगा. बिहार की राजनीति से जुड़े हर नेता ने इस बात की उम्मीद लगाना शुरू कर दिया कि नीतीश कुमार जल्द ही एनडीए में शामिल होंगे. सबसे पहले इसकी भविष्यवाणी 'हम' संयोजक जीतन राम मांझी ने की थी. शुक्रवार को एक बार फिर से उन्होंने बिहार में सियासत बदलने की बात कही. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'आज ही हो जाएगा का जी?खेला आउर का...'
'इंडिया गठबंधन टूट की कगार पर'
जेडीयू के महासचिव केसी यादव ने भी अपने बयानों से पार्टी के एनडीए के साथ जाने का इशारा किया. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन टूट की कगार पर है. इंडिया गठबंधन अपने विघटन की कगार पर है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अड़ियल रवैये ने इसे तार-तार कर दिया है. पंजाब में अकाली दल और बीजेपी साथ आ रहे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच टकराव की स्थिति है. ऐसा ही उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हो रहा है.
'कभी परिवार को आगे नहीं बढ़ाया'
नीतीश कुमार ने खुद भी परिवारवाद को लेकर दिए एक बयान के जरिए महागठबंधन से अलग होने का इशारा किया था. जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मजयंती पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. उनके निधन के बाद उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को जेडीयू ने राज्यसभा भेजा. हमने भी कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. हमने हमेशा दूसरों को मौका दिया है. इसे आरजेडी के लिए तंज के तौर पर देखा गया.
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