पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन ‘गोरक्षक’ का मजाक उड़ाते हुए कहा कि गो-रक्षक जो अपने आपको पशु एवं गाय के प्रति संवेदनशील कहते हैं, उनका यह पहला कर्तव्य है कि सड़क पर लावारिस रूप से घूम रहे जानवरों के लिये खास गोशाला बनाकर उनको उसमें रखें और उनकी सेवा करें.


मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित लोक संवाद के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान गो हत्या के संबंध में पूछे गये प्रश्न का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार में गो हत्या वर्जित है. यह आज का कानून नहीं बहुत पहले से बिहार में गो हत्या वर्जित है. यहां के लोगों की मानसिकता गाय की हत्या की नहीं रही है.


उन्होंने बीजेपी के सहयोगी संगठन गो रक्षक दल पर निशाना साधते हुए कहा कि सड़क पर लावारिस पशु घूमते रहते हैं, जिस कारण से बहुत दुर्घटनाएं घटती हैं. गो रक्षकों को इन लावारिस पशुओं का पालन पोषण करना चाहिए.


नीतीश ने कहा कि प्लास्टिक खाकर कितने जानवर मर रहे हैं. गो रक्षक जो अपने आपको पशु एवं गाय के प्रति संवेदनशील कहते हैं, उनका यह पहला कर्तव्य है कि सड़क पर लावारिस रूप से घूम रहे जानवरों के लिए खास गोशाला बनाकर उनको उसमें रखें तथा उसकी सेवा करें.


मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पटना में इस तरह का प्रयोग करने जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि गो हत्या के नाम पर अगर यह मानसिकता है कि मूल समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाया जाये तो हम उसके खिलाफ हैं.


कश्मीर मसले पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में नीतीश ने कहा कि कश्मीर की स्थिति बहुत संवेदनशील है. केन्द्र सरकार को सभी दलों को साथ लेकर कार्रवाई करने के लिए पहल करनी चाहिए. सभी दलों को कश्मीर समस्या में शामिल करना चाहिए. कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी भारत का ही हिस्सा है यही हम सभी भारतीयों की सोच है. उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है.


उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आसन्न बिहार दौरे और केन्द्र सरकार के तीन साल पूरे होने पर मोदी फेस्ट के आयोजन के संबंध में पूछे गए सवाल पर नीतीश ने कहा कि चुनाव के दौरान जो भी वादे किए गए थे उसकी कसौटी पर सरकार खरी नहीं उतरी है.
उन्होंने कहा कि जो वादा किया गया था उसके अनुपात में कार्य नहीं किया गया. रोजगार उपलब्ध कराने के संबंध में सरकार ने जितना वादा किया था उपलब्धि उसके अनुपात में कम रही. किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पचास प्रतिशत का मुनाफा जोड़कर नया समर्थन मूल्य निर्धारित करने की बात कही गई, थी जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है. वादों के अनुरुप काम नहीं हुआ है.


योगी आदित्यनाथ के बिहार आने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्टी का विषय है. बीजेपी के नेतृत्व को बिहार के बीजेपी नेतृत्व पर विश्वास नहीं है इसलिए बाहर से नेता बुलाए जा रहे हैं.


राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव के बारे पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि केंद्र में सत्ताधारी पार्टी को आम सहमति बनाने की पहल करनी चाहिए अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो विपक्ष अपना उम्मीदवार खड़ा करेगा.