Coronavirus: बिहार में COVID-19 से निपटने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए? नीतीश कुमार ने दी जानकारी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से निपटने के लिए सतर्कता ही उपाय है.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से डरने और भयभीत होने की कोई वजह से नहीं है.
कोरोना वायरस से छुटकारा दिलाने में अल्कोहल की भूमिका के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्कोहल से वाहियात कोई चीज नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2016 के सर्वे में बता दिया है कि शराब के कारण कितनी बीमारियां होती हैं इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को मानना चाहिए और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ही कोरोना वायरस को महामारी बताया है.
'स्वस्थ्य आदमी के लिए मास्क की ज़रूरत नहीं' मास्क के प्रयोग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विशेषज्ञों की राय है कि स्वस्थ व्यक्तियों को मास्क पहनने की कोई आवश्यकता नहीं है. मास्क उन लोगों के लिए आवश्यक है जो संक्रमित हैं या संक्रमित व्यक्तियों के उपचार में लगे हुए हैं. यदि मास्क का प्रयोग किया जाता है तो उसके निस्तारण के प्रति भी हमें सजग रहना पड़ेगा. सामान्यतः एक मास्क का प्रयोग 6-8 घंटे के लिए ही किया जाता है और इस्तेमाल के उपरान्त मास्क को जला देना चाहिये या गहरे भूमिगत गड्ढे में उपयुक्त तरीके से उसका निस्तारण कर दें.
पटना के बंद पड़े थ्री स्टार होटल को बनाया गया अस्पताल
नीतीश कुमार ने बताया कि पटना के पाटलिपुत्र होटल में भी आइसोलेशन वार्ड का प्रबंध किया जा रहा है. नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में होने वाले पूरे खर्च का वहन मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से किया जाएगा. यदि इस रोग से किसी की मृत्यु हो जाती है तो उनके निकटतम आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रूपये की मदद दी जाएगी.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश और सीमावर्ती देश नेपाल में इस रोग के मरीज मिले हैं. बिहार में उत्तर प्रदेश और नेपाल बाॅर्डर से भी लोग आते हैं इसलिए सजग रहते हुए लोगों को सजग करना हम लोगों का दायित्व है.
लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-दूसरे से दूरी बनाकर रहें और सार्वजनिक स्थलों पर या सामूहिक रूप से होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने से बचें. ऐहतियात के तौर पर बिहार में सभी स्कूल, कॉलेज, पार्क, म्यूजियम, जू आदि 31 मार्च तक बंद कर दिए गये हैं. गया और बोधगया में बाहर के देशों से लोग आते हैं. उनका मेडिकल चेकअप बहुत जरूरी है और यह हर हाल में होना चाहिए. एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर भी लोग सजग हैं.
धारा 144 से लोगों में गलतफहमी आई
कोरोना वायरस के कारण बिहार के जिन चार-पांच जिलों में धारा 144 लगाई गई है उसे तत्काल हटाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि धारा 144 कानून-व्यवस्था के सवाल पर लगाया जाता है. जिला स्तर पर लोग गलतफहमी के शिकार हो गये थे. लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भयभीत न होकर जागरूक रहना जरूरी है.
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