नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में करीब चार दशकों से सक्रीय हैं. 15 साल से वो बिहार के मुख्यमंत्री हैं. उनकी छवि सुशासन बाबू की रही है, लेकिन विपक्षी नेता उन्हें 'पलटू राम' की संज्ञा भी देते रहे हैं. विवादों और तारीफों से इतर नीतीश ने हिंदुस्तानी सियासत में अपनी एक अलग राह बनाई और उस पर चलकर अपनी वो पहचान भी कायम की, जिससे वो देश के दिग्गज नेताओं में शामिल हुए. एक वक्त ऐसा भी था, जब विरोधी खेमे के बीच नीतीश कुमार के नाम की चर्चा मोदी के विकल्प के तौर पर होती थी. हालांकि नीतीश कुमार ने इन चर्चाओ पर अपनी कोई राय कभी व्यक्त नहीं की. मौजूदा चुनाव में उनके गठबंधन की हार के आसार बताए गए, लेकिन बाज़ी पलट गई. नीतीश को सीटें कम आई, लेकिन राजनीतिक कद ऐसा की साझीदार बड़ी पार्टी को भी उन्हें सीएम बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा.


बिहार के बख्तियारपुर में हुआ जन्म
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था. उनकी मां का नाम परमेश्वरी देवी था और पिता राम लखन सिंह एक आयुर्वेदिक डॉक्टर (वैद्य) थे. तब नीतीश अपने पिता की दवाइयों की पुड़ियां बनाते थे. नीतीश ने 10वीं तक की पढ़ाई गांव के ही एक स्कूल से की. बाद में उन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से साल 1972 में मकैनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली. पढ़ाई के बाद उन्होंने बिहार इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में काम करना शुरू किया, लेकिन उनका मन नहीं लगा और उन्होंने राजनीति का रुख किया.


नीतीश का रुझान बचपन से ही राजनीति की ओर ज्यादा रहा. हालांकि वो पढ़ाई लिखाई में भी काफी तेज़ थे. दरअसल नीतीश के पिता वैद्य होने के साथ साथ कांग्रेस नेता भी थे और बिहार के दिग्गज नेता अनुग्रह नारायण सिंह के बेहद करीबी भी थे. अनुग्रह नारायण सिंह जब कभी भी नीतीश के गांव आते थे, तो वो उन्हें बेहद गौर से सुना करते थे. नीतीश के शिक्षकों ने भी इस बात की तस्दीक की है कि बेहद कम उम्र से ही उनका दिल राजनीति की ओर झुक गया था.


साल 1973 में की शादी
नीतीश कुमार ने नौकरी की शुरुआत के साथ ही शादी भी कर ली थी. उन्होंने मंजू कुमारी सिन्हा से 22 फरवरी 1973 को शादी की. नीतीश और मंजू का एक बेटा है निशांत कुमार, जो कि एक इंजीनिर हैं. साल 2007 में जब नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब 53 साल की उम्र में उनकी पत्नी मंजू कुमारी सिन्हा का निधन हो गया. उन्हें निमोनिया हुआ था और दिल्ली के मैक्स अस्पताल में कई दिनों के इलाज के बाद दम तोड़ दिया था.


छह बार मुख्यमंत्री रहे, अब 7वीं बार की बारी
पहली बार नीतीश कुमार 3 मार्च सन् 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन वह 7 दिनों तक मुख्यमंत्री रह पाए. समता पार्टी की सरकार बनी थी. दूसरी बार 24 नवंबर 2005 को बिहार के मुख्यमंत्री बने. तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को बिहार के मुख्यमंत्री बने. (इसके बाद 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ, इसमें जेडीयू की करारी हार हुई. इसके बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया. तब जीतन राम मांझी पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.) चौथी बार 22 फरवरी 2015 को बिहार के मुख्यमंत्री बने. 20 नवंबर 2015 को पांचवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. छठी बार 27 जुलाई 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री बने. बता दें कि 1994 में वे लालू प्रसाद यादव से अलग होकर नीतीश ने ख़ुद की समता पार्टी बनाई, ,साल 2005 में समता पार्टी का जनता दल से विलय करके जनता दल (यूनाइटेड) बनाई थी.


मुख्यमंत्री बनने के अलावा नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री भी रहे. उन्हें अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में रेल मंत्रालय का अहम विभाग दिया गया था. ये भी दिलचस्प बात है कि उनके सबसे बड़े विरोधी और एक वक्त में साथी रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी बिहार के मुख्यमंत्री बनने के अलावा रेल मंत्री भी रहे हैं.