बिहार: गिरिराज सिंह ने अंबेडकर प्रतिमा पर किया माल्यार्पण, विपक्ष ने गंगाजल से धोकर किया पवित्र
शुद्धिकरण करने वाले नेताओं का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री नफरत की राजनीति करते हैं और उन्होंने माल्यार्पण करके बाबा साहेब की प्रतिमा को अशुद्ध किया है, इसलिए उन्होंने इस प्रतिमा का शुद्धिकरण किया है.
बेगूसराय: केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद गिरिराज सिंह द्वारा भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कार्यकर्ताओं ने शनिवार को गंगाजल से प्रतिमा का शुद्धिकरण किया. उन्होंने आरोप लगाया कि गिरिराज ने प्रतिमा को अशुद्ध कर दिया है.
बेगूसराय की बलिया प्रखंड में संविधान निर्माता भीम राव आंबेडकर के नाम पर उद्यान का नाम रखा गया है और गिरिराज ने शुक्रवार को जिले में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के पक्ष में रैली करने से पहले उद्यान में स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था.
माल्यार्पण के करीब 24 घंटे के बाद भाकपा नेता सनोज सरोज और राजद नेता विकास पासवान एवं रूप नारायण पासवान बालटी में गंगाजल भरकर आए. वे नजदीक ही सीएए के खिलाफ करीब एक पखवाड़े से प्रदर्शन कर रहे हैं.
भीम राव आंबेडकर की मूर्ति को गंगाजल छिड़क कर किया शुद्ध
भाकपा और राजद नेताओं ने आंबेडकर की मूर्ति को धोने से पहले गंगाजल छिड़का और ‘‘जय भीम’’ के नारे के साथ ही, 19 वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिबा एवं सावित्री फुले की प्रशंसा में नारे लगाए.
उन्होंने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया. वीडियो क्लिप में भाकपा और राजद नेता यह कहते हुए दिख रहे हैं कि कल यहां आकर गिरिराज ने माहौल को दूषित कर दिया क्योंकि उन्होंने अपने भाषण में कहा कि बलिया लघु पाकिस्तान बन गया है.
उन्होंने गिरिराज को मनुवाद को बढ़ावा देने वाला बताते हुए कहा कि वह हर उस मुद्दे के साथ खड़े हुए हैं जिनका आंबेडकर ने विरोध किया. इसलिए प्रतिमा पर उनके द्वारा माल्यार्पण किया जाना उसे अपवित्र करने के बराबर है.
इस घटनाक्रम पर गिरिराज प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध नहीं थे क्योंकि वह दिल्ली के लिए रवाना हो चुके थे.
हालांकि, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह ने घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सीएए के विरोध के नाम पर ये लोग 1947 के बंटवारे से पहले वाला माहौल पैदा करने का प्रयास रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आंबेडकर समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए आदर्श हैं और किसी का उन पर एकाधिकार नहीं है. यह देश इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा.’’
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