आरा: जम्मू-कश्मीर में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए मोजाहिद खान पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. लेकिन शहीद मोजाहिद खान को अंतिम विदाई देने न तो डीएम पहुंचे और ना ही एसपी आए. इतना ही नहीं शहीद मोजाहिद खान बिहार या केंद्र से भी कोई मंत्री अंतिम विदाई देने नहीं आए.


श्रीनगर के करन नगर में सीआरपीएफ के कैम्प पर हमला करने की फिराक में वहां पहुचे आतंकियों से लोहा लेते हुए सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के जवान मोहम्मद मोजाहिद खान ने अपनी शहादत दे दी थी.


 


मूल रुप से पीरो गांव निवासी मोजाहिद खान मोकामा में सितम्बर 2011 में सीआरपीएफ के 49वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. केरल के पलीपुरम में उनकी ट्रेनिंग हुई. जिसके बाद हैदराबाद में पोस्टिंग के बाद छह महीने पहले उनकी बटालियन श्रीनगर रवाना हुई थी. 25 साल के मुजाहिद के अंदर बचपन से ही देशभक्ति कूट कूट कर भरी थी.


बता दें कि सोमवार सुबह करीब पौने पांच बजे आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन गेट पर तैनात जवानों ने आतंकियों को कैंप में घुसने से रोक दिया. जिसके बाद आतंकी कैंप के पास एक बिल्डिंग में छुप गए. सीआरपीएफ ने पूरी बिल्डिंग को घेर लिया और ये एनकाउंटर लगभग 32 घंटे चला. एनकाउंटर में मोजाहिद खान शहीद हो गए. इस एनकाउंटर में लश्कर के दो आतंकी मारे गए.

वहीं शहीद मुजाहिद खान का आखिरी वीडियो सामने आया है. ये वीडियो उस वक्त का है जब वो आतंकियों से उनकी मुठभेड़ चल रही थी, वीडियो में मुजाहिद अपने साथी जवान को गोली चलाने के निर्देश देते सुनाई दे रहे हैं.