नई दिल्ली: लालू यादव पर लगातार हमलावर रहने वाले बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आज एक नया खुलासा किया है. सुशील मोदी के मुताबिक लालू यादव अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने के बदले उनसे वसीयत के जरिए उनकी संपत्ति अपने परिवार के सदस्यों के नाम लिखवा लेते थे.


लालू यादव पर आरोप लगाते हुए सुशील मोदी ने कहा, ''लालू यादव ने लोगों की संपत्ति हथियाने के लिए नया तरीका अपनाया है. लालू ने जिन लोगों की मदद की उनसे वसीयत करवा ली. मोहम्मद शमीम को लालू ने राज्यपाल के कोटे से एमएलसी बनवाया. उसके एवज में उनसे और उनकी पत्नी से पटना शहर में दो बेहद कीमती जमीन वसीयत करवा ली. ये वसीयत तेजस्वी और तेज प्रताप के नाम करवायी गयी.''


सुशील मोदी ने कहा, "लालू ने मोहम्मद शमीम से वसीयत में लिखवाया कि मेरे जीते जी इस संपत्ति की देखभाल राबड़ी देवी करेंगी और उनकी मृत्यु के पश्चात इसके मालिक तेज प्रताप और तेजस्वी यादव होंगे. वसीयत में यह भी लिखवाया गया कि तेज प्रताप और तेजस्वी के बाद उनके बेटा-बेटी इस संपत्ति के मालिक होंगे. यानी वसीयत के माध्यम के लालू जीने अपनी तीन पीढ़ियों का इंतजाम कर दिया. ऐसी कोई एक वसीयत नहीं है, ऐसी कई वसीयत हैं.''


सुशील मोदी के मुताबिक 12 मई, 2005 को मोहम्मद शमीम और उनकी पत्नी सोफिया ने एक साथ पॉवर ऑफ अटॉर्नी राबड़ी देवी के नाम की और उसी दिन तेज प्रताप और तेजस्वी के के नाम वसीयत भी की. मोहम्मद शमीम की वसीयत के गवाह राकेश रंजन हैं. जो काफी लंबे समय तक आरजेडी के कोषाध्यक्ष रहे. वहीं सोफिया की वसीत के गवाह खुद मोहम्मद शमीम हैं.''


लालू यादव पर आरोप लगाते हुए सुशील मोदी ने कहा, ''लालू यादव ने संपत्ति हथियाने का नया-नया तरीका इजाद किया है. कभी मंत्री बनाने के बदले तो कभी रेलवे में नौकरी दिलवाने के बदले संपत्ति गिफ्ट करवा ली. इसके अलावा फर्जी कंपनियों के जरिए जमीन की खरीद की. लालू जी ने तो रॉबर्ट वाड्रा को भी मात दे दी. हमारे बिहार से एक ठग था नटवर लाल जो अलग अलग तरीकों से लोगों को ठगता था. लालू जी भी उसी के क्षेत्र से आते हैं और अलग अलग तरीके से लोगों को ठग रहे हैं.''