पटना: देश में नागरिकता क़ानून पर हुए बवाल के बीच बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. सुशील मोदी ने कहा कि लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है जिसे दूर करने की ज़रूरत है. उन्होंने पटना में मीडिया को सम्बोधित करने से पहले दो वीडियो क्लिप दिखाए जिसमें पी चिदंबरम और अजय माकन ने NPR पर बयान दिया था. सुशील मोदी ने कहा कि किस तरह से पाकिस्तान के मुस्लिम समाज ने गुरुद्वारे पर हमला किया. इस तरह के हजारों उदाहरण हैं. अभी भी पूर्वी पाकिस्तान से भागे हुए बंगाली हिन्दू बिहार के कई जिलों में बसे हुए हैं और इसके सर्वेक्षण का निर्णय लिया गया और पाया गया कि ये वो लोग हैं जो अत्यंत पिछड़े वर्गों से आते हैं.


शरणार्थियों के हित में ये नियम लागू हुआ


सुशील मोदी ने कहा कि ''ये नियम जो बना है वो उनके लिए है जिन दलित पिछड़े वर्गों को पाकिस्तान से भागकर यहां आना पड़ा.'' उन्होंने सीपीआईएम लीडर प्रकाश करात और मनमोहन सिंह के पत्र का भी जिक्र किया कि किस तरह उन्होंने एनपीआर को लेकर पक्ष में बयान जारी किया.


बिहार में भी हिंदू शरणार्थी


सुशील मोदी ने आंकड़ा बताते हुए कहा कि ''1947 के बाद 3,50,000 हिंदू शरणार्थी आए जिन्हें चंपारण, सहरसा, गया, दरभंगा में बसाया गया. 1964 में बड़ी संख्या में म्यांमार से आए हिंदुओं को पूर्णिया, समस्तीपुर, अररिया में ज़मीन सहित बसाया.'' इसके साथ ही बिहार में आरजेडी के प्रदर्शन पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि ''जिन तीन देशों के प्रताड़ित नागरिकों के लिए क़ानून बना है उनमें से एक भी नागरिक बिहार में नहीं है. उसके बावजूद बिहार में हिंसा, प्रदर्शन आरजेडी और कांग्रेस के तरफ़ से किया गया.''


NPR बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस के कार्यकाल में लागू हुआ


सुशील मोदी ने कहा कि ''15 मार्च 2010 में मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा ये निर्णय लिया गया था और इसे 30 सितंबर 2010 तक पूरा करने का निर्णय लिया गया. तो ये यूपीए सरकार की देन है.'' उन्होंने कहा कि ''ये जनगणना का एक हिस्सा है और इसे अप्रैल से पूरे देश में प्रारंभ किया जा रहा है. इसमें मकान सूचीकरण करना व उनकी गणना की जा रही है. उसी क्रम में इस एनपीआर अपडेट करने का काम किया जाएगा.''


बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ''संविधान की धारा 256 में ये कहा गया है कि संसद द्वारा बनाई गई नीतियों का राज्य को सुनिश्चित रूप से पालन करना जिम्मेदारी है. केरल, बंगाल या कोई सरकार इसे लागू करने से नहीं रोक सकती.'' इसके साथ ही जनगणना अभियान को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि मार्च माह में बिहार विधानसभा व परिषद ने केंद्र से प्रस्ताव किया है. जातिगत जनगणना के लिए अब ये केंद्र को तय करना है.


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