Karpoori Thakur: केंद्र सरकार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने वाली है. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकार के इस फैसले को लेकर उसे धन्यवाद दिया है. हालांकि, तेजस्वी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने इसे बिहार में हुए जातिगत सर्वे से भी जोड़ने का काम किया है. साथ ही तेजस्वी ने मांग की कि कांशीराम को भी भारत रत्न दिया जाना चाहिए.
तेजस्वी यादव से बुधवार (24 जनवरी) को कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने को लेकर सवाल किया गया. इस पर उन्होंने कहा, 'आप एक बात समझिए कि हम लोगों की बहुत पुरानी मांग रही है और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा के प्रांगण में आए थे. तब हमने कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न दिए जाने की मांग को रखा था. इसलिए ये बड़ी खुशी की बात है कि वंचित समाज के जो सबसे बड़े पैरोकार और बिहार के पूर्व सीएम रहे हैं, उन्हें अब भारत रत्न दिया जा रहा है.'
जातिगत सर्वे के बाद सरकार को लेना पड़ा फैसला: तेजस्वी
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बिहार डिप्टी सीएम ने भारत रत्न दिए जाने की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा, 'हालांकि, इसका राजनीतिक असर भी देखा जाना चाहिए. हम लोगों ने बिहार में जो जातिगत सर्वे कराया और जो संख्या निकलकर आई. उसके बाद ही भारत सरकार को निर्णय लेना पड़ा है.' उन्होंने आगे कहा, 'यह फैसला लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लिया गया या नहीं, यह महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि हमारी मांग पूरी हुई.'
कांशीराम को भी मिलना चाहिए था भारत रत्न: तेजस्वी यादव
कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग करते हुए तेजस्वी ने कहा, 'इस तरह की मांग को लंबे समय से उठाया जा रहा था. लालू प्रसाद यादव समेत जितने भी समाजवादी नेता रहे हैं, उन सभी ने भारत रत्न दिए जाने की मांग की.' उन्होंने कहा, 'हम लोग तो चाहते हैं कि कांशीराम को भी भारत रत्न मिलना चाहिए. अच्छा होता अगर साथ में कांशीराम को भी मिल जाता. तब हमें और भी ज्यादा खुशी होती.'
बिहार डिप्टी सीएम ने पहले भी की भारत रत्न दिए जाने की मांग
तेजस्वी यादव ने मंगलवार को भी कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी. सरकार की तरफ से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान करने के बाद तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा था, 'राम मनोहर लोहिया, जननायक कर्पूरी ठाकुर और मान्यवर कांशीराम जी को भारत रत्न जरूर मिलना चाहिए. वंचित, उपेक्षित समाज के उत्थान में उनके योगदान को कोई नहीं नकार सकता. किसी महापुरुष की विचारधारा, धर्म, जाति और वर्ग इसमें आड़े नहीं आना चाहिए.'
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