बिहार: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर कुछ भी कहने से परहेज़ किया पर उन्होंने बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को अब तक क्वारंटीन में रखे जाने पर नाराज़गी ज़ाहिर की है. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि हमारे एक अधिकारी विनय तिवारी जो पटना के सिटी एसपी हैं और उनको इन्वेस्टिगेशन को लीड करने और वहां क्वार्डिनेशन के लिए भेजा गया था.


डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मुंबई के वरीय अधिकारियों के साथ और सूचना देकर भेजा गया था कोई चोरी छिपे नहीं भेजा गया था. पहले एडवांस में रिटेन मेल करके सूचना दिया गया था. सीनियर एसपी ने फोन पर बांद्रा एसपी से बात भी की थी, वहां के आईजी को भी जानकारी दी गई थी. साथ ही आईपीएस मेस की सुविधा के लिए अनुरोध भी किया गया था.


आईपीएस मेस भी नहीं मिला उन्होंने अपनी तरफ से अपने ठहरने की व्यवस्था की थी. मध्य रात्रि में उनको कैदी की तरह क्वारंटीन कर दिया गया कि वो कहीं निकल ही ना सके. किसी से मिल नहीं सके और कोई जांच नहीं कर सके. हमें सूचना मिली हमने उन्हें चिठ्ठी लिखी आपने क्वारंटीन किया है, ये उचित नहीं है.


डीजीपी ने बताया, "उनको नियम में छूट देने की बात कही गई है, तो छूट देनी चाहिए थी, क्योंकि वो ऑल इंडिया सर्विसेज के सरकारी आदमी हैं. वो अपनी ड्यूटी पर गए हैं और उन्होंने उसका कोई टेस्ट भी नहीं कराया है. आपने उसे क्वारंटीन कर दिया. ये कहते हैं कि मुंबई में जो भी जाएगा उसे 14 दिन क्वारंटीन करने का नियम है. आप बताएं सौ से अधिक जहाज वहां उतर रहे हैं, उससे हजारों पैसेंजर उतर रहे हैं, आपने कितने को क्वारंटीन किया है?"


नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, "हमारे ही चार अधिकारी गए थे क्या? आपने उन्हें क्वारंटीन किया. हमने तो रिक्वेस्ट की थी कि आपने क्वारंटीन किया ठीक है, पर अब उन्हें छोड़ दो." डीजीपी ने कहा कि उन्हें जांच नहीं करने देंगे तो उन्हें आने तो दो. क्या उसे कैदी बनाकर रखोगे? वो ऑल इंडिया सर्विसेज का अफसर है उसको वापस भेजो.


मुंबई पुलिस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "मुंबई पुलिस का ये प्रोफेशनल बिहेव नहीं है. ये पूरा देश देख रहा है कि मुंबई में क्या हो रहा है. आप कोई जानकारी नहीं शेयर कर रहे हैं. कोई एविडेंस नहीं शेयर कर रहे हैं. आप जांच भी नहीं करने दे रहे हैं और जब एक वरीय अधिकारी जाता है, तो आप उसे अरेस्ट कर रहे हैं."


गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, "अब जब हमारा घर से ही निकलना मुश्किल हो गया तो हम कैसे जांच करें? इन्होंने एक को पकड़कर क्वारंटीन कर दिया है. बाकी चार जो गए थे वो छुप-छुप कर रह रहे हैं. हमारे पास कोई उपाय नहीं है. हम कैसे करेंगे, जब वो उपलब्ध ही नहीं हैं, हमारे पास तो कोई जानकारी ही नहीं है."


उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम सर्वोच्च न्यायालय ने क्या कहा, लेकिन न्यायालय का आदेश होगा तो हमने जो भी किया है, बताएंगे. हमें तो कुछ करने ही नहीं दिया गया. हमने मात्र तीन दिन ही इन्वेस्टिगेशन की है, लेकिन इन तीन दिन में ही जो किया है, बहुत है देश के सामने दिखाने के लिए की दाल में कुछ काला है.


उन्होंने कहा, "BMC ने हमारे भेजे गए लेटर को रिफ्यूज कर दिया है. हमने विनय तिवारी को सुविधा मुहैया कराने के लिए पत्र लिखा था. पर उन्होंने उसे रिफ्यूज कर दिया. जहां तक टेस्ट की बात है तो वो उनका टेस्ट करा कर पॉजिटिव दिखा दें तो हम क्या करेंगे, ऐसा हो सकता है हमें शंका है."


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