(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Election Results: बिहार में एनडीए ने फहराया जीत का परचम, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह
Bihar Election 2020: बिहार के चुनाव नतीजे आ चुके हैं. जनता ने अपना फैसला कर दिया है. बिहार के दो प्रमुख खेमों महागठबंधन और एनडीए की लड़ाई में एनडीए ने जीत दर्ज की. जनता ने आखिर क्यों एनडीए के पक्ष में मतदान किया, इसका यहां पर विस्तार से जिक्र किया गया है.
Bihar Election Results: बिहार की जनता ने इस बात का फैसला कर दिया है कि राज्य में अगली सरकार किसकी बनेगी? नतीजों से साफ है कि बिहार में अगली सरकार एनडीए की बनने जा रही है. नीतीश कुमार के नेतृत्व पर जनता ने भरोसा दिखाया. एनडीए ने एक बार फिर नीतीश कुमार के चेहरे पर भरोसा जताया और जीत मिली. इस जीत के पीछे की बड़ी वजह क्या रही, इस पर विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी है.
NDA की जीत की बड़ी वजह
सीनियर चुनाव विश्लेषक अभय दुबे के मुताबिक, एनडीए की जीत में महिलाओं, अति पिछड़ी जातियों और महादलित जातियों के बीच नीतीश कुमार की लोकप्रियता का बरकरार रहना एक बड़ी वजह रही. नीतीश कुमार ने शराबबंदी जैसा फैसला किया. इस फैसले से महिलाओं ने अपना समर्थन एक बार फिर नीतीश कुमार को दिया. इसके अलावा महादलित और अति पिछली जातियों के बीच भी नीतीश कुमार की लोकप्रियता बरकरार रही. इस समुदाय के लोगों ने एक बार फिर से नीतीश कुमार पर भरोसा जताया.
साथ ही बिहार के लोगों में पीएम नरेंद्र मोदी की जो लोकप्रियता रही उसका भी फायदा एनडीए गठबंधन को मिला. पीएम मोदी ने एनडीए के पक्ष में माहौल बनाने के लिए बिहार में लगातार रैलियों को संबोधित किया.
महिलाओं ने किया नीतीश कुमार पर भरोसा
वहीं वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप सिंह की भी मानें तो महिलाओं के बीच नीतीश कुमार को भरोसा कायम हैं. महिलाओं को आरक्षण, छात्राओं को साइकिल देने की योजना, पोशाक की योजना और सुरक्षा की भावना ने एनडीए के पक्ष में लोगों को आकर्षित किया. महिलाओं को ध्यान में रखते हुए शराबबंदी की योजना लाई गई. इसका असर सरकार की आर्थिक स्थिति पर भी देखने को मिला लेकिन इसके बावजूद इसे जारी रखा गया. इससे महिलाओं के बीच सकारात्मक संदेश गया. दूसरे और तीसरे फेज से महिलाओं का वोट शेयर बढ़ा था.
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ी जातियों और महादलितों को गोलबंद करने का काम किया. बिजली, सड़क, पानी, लॉ एंड ऑर्डर के मुद्ते पर काम किया. इससे नीतीश को सुशासन बाबू की उपाधि मिली. बिहार को बिमारू राज्य की सूची से बाहर निकाला गया.
मोदी की लोकप्रियता ने भी अहम रोल अदा किया
बिहार के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने भी अहम रोल अदा किया. नतीजों से साफ होता है कि ब्रांड मोदी का प्रभाव कम नहीं हुआ है. इसका असर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला था. साथ ही केंद्र की योजनाओं ने भी लोगों को अपनी तरफ खींचा. महामारी के दौरान मुफ्त गैस, फ्री अनाज और किसान सम्मान निधि योजनाओं के पक्ष में जनता ने मतदान किया. नीतीश कुमार के साथ-साथ पीएम मोदी में भी महिला वोटरों ने भरोसा बरकरार रखा.
प्रदीप सिंह के मुताबिक, बिहार में वोट शेयर के लिहाज से बीजेपी का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है. बिहार की राजनीति में आरजेडी और बीजेपी दो स्थाई ध्रुव बन गए हैं. जेडीयू इसमें बीच में है. जिधर जेडीयू जाएगी उसकी सरकार बनेगी. इसके अलावा जीतन राम मांझी को लाने से महादलितों का वोट मजबूत हुआ.
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