बिहार: शिवहर सीट से प्रत्याशी श्रीनारायण सिंह की हत्या के बाद भी रद्द क्यों नहीं हुआ चुनाव? जानिए- नियम
प्रशासन ने पूरी घटना और वर्तमान स्थिति का आंकलन किया और उसके बाद फिर यह फैसला किया. बता दें कि शिवहर विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में वोटिंग होनी है.
पटना: बिहार के शिवहर विधानसभा क्षेत्र से जनता दल राष्ट्रवादी के प्रत्याशी श्रीनारायण सिंह और उनके 2 समर्थकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वे पुरनहिया प्रखंड के हथसार गांव के पास चुनाव प्रचार कर रहे थे. इसी दौरान में बाइक पर सवार बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया है.
श्रीनारायण सिंह का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. उन पर 2 दर्जन से अधिक मुकदमे लंबित हैं. वे शिवहर जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड के नया गांव के निवासी थे. नयांगांव पंचायत के मुखिया तथा डुमरी कटसरी से जिला परिषद के सदस्य भी रह चुके थे.
श्रीनारायण सिंह की मौत के बाद शिवहर सीट पर चुनाव को लेकर सवाल खड़ा हो गया. जानकारी के मुताबिक उम्मीदवार की मौत के बाद भी चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा. आयोग की तरफ से तय तारीख पर ही वोटिंग होगी. इस बात की जानकारी जिलाधिकारी ने दी. प्रशासन ने पूरी घटना और वर्तमान स्थिति का आंकलन किया और उसके बाद फिर यह फैसला किया. बता दें कि शिवहर विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में वोटिंग होनी है.
बिहार: शिवहर में विधानसभा प्रत्याशी की गोली मारकर हत्या, मृतक के खिलाफ कई आपराधिक मामले थे दर्ज
उम्मीदवार की मौत के बाद चुनाव टलने को लेकर क्या नियम? किसी भी सीट पर चुनाव टालने को लेकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 52 में विस्तार से बताया गया है. नियम के मुताबिक अगर किसी सीट पर पर्चा भरने के आखिरी दिन सिबह 11 बजे से पहले प्रत्याशी की मौत हो जाती है, तो चुनाव रद्द किए जा सकते हैं. लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते भी रखी गईं हैं.
इन शर्तों के मुताबिक उम्मीदवार का पर्चा सही भरा गया हो. उम्मीदवार ने चुनाव से नाम वापस न लिया हो. प्रत्याशी की मौत की खबर मतदान शुरू होने से पहले मिल गई हो. मृतक प्रत्याशी मान्यता प्राप्त दल से हो. यहां पर यह जानना भी जरूरी है कि आखिरी मान्यता प्राप्त दल कौन से होते हैं. तो यह वो दल होते हैं जिन्हें पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 6% वोट मिले हों. इसके साथ ही मान्यता प्राप्त पार्टी का अपना चुनाव चिन्ह होता है और उसे टीवी और रेडियो के जरिए प्रचार करने का अधिकार होता है.
शिवहर सीट पर उम्मीदवार की मौत के बाद भी कैसे हो रही वोटिंग? जैसा कि आपको ऊपर नियमों में बताया कि उम्मीदवार का मान्यता प्राप्त दल से होना अनिवार्य है. शिवहर सीट पर मृतक उम्मीदवार श्रीनारायण सिंह जनता दल राष्ट्रवादी पार्टी के थे. जनता दल राष्ट्रवादी रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टी है ना कि मान्यता प्राप्त. चुनाव आयोग किसी भी पार्टी के प्रदर्शन के हिसाब से उसके स्टेटस में बदलाव कर सकता है.