बिहार चुनाव के नतीजे आने में आख़िर इतना समय क्यों लग रहा है? समझिए यहां
कोरोना वायरस की खास परिस्थिति में कराए गए चुनावों के चलते चुनाव आयोग की तरफ से हर मतदान केन्द्र पर अधिकतम एक हजार से डेढ हजार तक वोटरों को वोट करने की इजाजत दी गई थी. इसका मतलब ये हुआ कि ज्यादा मतदान केन्द्र बनाने पड़े, जहां से मंगलवार को वोटों की गिनती की जा रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो गई लेकिन दोपहर सवा बारह बजे तक रुझानों में एनडीए की राज्य में सरकार बनती हुई दिखाई दी. अन्य दलों की तुलना में बीजेपी आगे थी, लेकिन वोटों की गिनती के बीच विपक्षी दलों को कहीं न कहीं एक उम्मीद दिख रही है.
कोरोना वायरस की खास परिस्थिति में कराए गए चुनावों के चलते चुनाव आयोग की तरफ से हर मतदान केन्द्र पर अधिकतम एक हजार से डेढ हजार तक वोटरों को वोट करने की इजाजत दी गई थी. इसका मतलब ये हुआ कि ज्यादा मतदान केन्द्र बनाने पड़े, जहां से मंगलवार को वोटों की गिनती की जा रही है.
यह वजह है कि सामान्य के मुकाबले कहीं ज्यादा वोटों की गिनती में समय लग रहा है और दोपहर तक सिर्फ 10 फीसदी वोट की ही काउंटिंग हो पाई. विपक्षी नेताओं का कहना है कि कई सीटों पर मतगणना 30 से 35 दौर की हो सकती है, जिसकी वजह से उन्हें वापसी करने की उम्मीद दिख रही है. खासकर, उन 70 विधानसभा सीटों पर जहां उम्मीदवारों को बीच वोटों का फासला काफी कम है.
इधर, आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने दावा किया है कि जीत की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी बन चुके हैं. अगले 2 घंटे में बहुमत का आंकड़ा पार कर जाएंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रिटर्निंग ऑफिसरों को फोन कर मतगणना की प्रक्रिया धीमी न करवाएं. जाते-जाते यह कलंक अपने माथे ना लें. आरेजेडी नेता ने आगे कहा कि कम मार्जिन वाली सीटों के नतीजे हमारे पक्ष में होंगे. बैलेट मतों की गिनती रोक दी गई है. मुख्यमंत्री जाते जाते मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं.
उप चुनाव आयुक्त आशीष कुंद्रा ने बिहार में चुनाव परिणामों में देरी पर कहा, जहां तक बिहार की बात है तो 7737 दौर सूचीबद्ध था, जिनमें से 4858 पर पूरा हो चुका है. 119 विधानसभा सीटों पर मतगणना हो चुकी है और आधे से ज्यादा सीटों पर काउंटिंग हो रही है.उधर, चुनाव आयोग के सेक्रेटरी जनरल ने कहा- चुनाव आयोग का जोर काउंटिंग और कोविड को लेकर गाइडलाइंस और प्रक्रिया को पालन कराने का है. चुनाव आयोग ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि परिणाम की घोषणा में कोई जल्दबाजी न करें, उन्हें जितना समय स्वभाविक तौर पर लगे लगने दें.