बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे जिस वक्त मंगलवार को आ रहे थे सभी लोग अपने स्मार्टफोन और टेलीविजन स्क्रीन पर देख रहे थे कि सरकार बनाने की रेस में दोनों महागठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला चल रहा था. लेकिन, अब पता चला कि महागठबंधन सीटों में भले ही 15 सीटों पर अंतर रहा हो लेकिन वोट में ज्यादा का फर्क नहीं था.
चुनाव आयोग की तरफ से जो आंकड़े जारी किए गए उसके मुताबिक, सिर्फ 12,768 वोट का ही एनडीए और महागठबंधन के बीच अंतर है. कुल 3 करोड़ 14 हजार वोटों में से 13 हजार से भी कम का अंतर बेहद मामूली है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीए के खाते में 1 करोड़ 57 लाख, 01 हजार 226 वोट पड़े जबकि महागठबंधन के खाते में 1 करोड़ 56 लाख 88 हजार 458 वोट पड़े. अगर इसे प्रतिशत के लिहाज से देखें तो एनडीए को 37.26 फीसदी वोट मिले जबकि महागठबंधन को 37.23 फीसदी वोट. यानी, राज्य के दोनों गठबंधन को जो वोट मिले है उसके प्रतिशत का अंतर सिर्फ 0.03 फीसदी का है.
कुछ सीटों पर 100 वोटों से कम के अंतर के चलते मिली हार के चलते आरजेडी ने मतगणना प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया है. हालांकि, ये सभी सिर्फ आरोप हैं. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीओ को कुल 125 सीट मिली है जबकि महागठबंधन 110 सीट जीतने में कामयाब रहे. आरजेडी 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर इस चुनाव में उभरी है जबकि बीजेपी 74 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही.
लेकिन, सिर्फ 0.03 फीसदी वोट मार्जिन यह दर्शाता है कि आसानी से यह चुनाव दूसरी तरफ रुख ले सकता था. इसे दूसरे तरीके से देखें तो अगर महागठबंन को हर सीट पर और 53 वोट मिलते तो वह एनडीए के मुकाबले कहीं ज्यादा वोट पाते. इस तरह अगर 2015 के चुनाव पर नजर डालें तो उस वक्त जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी. उस चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के बीच वोटों का अंतर 7.8 फीसदी का था.